अंग्रेजी सीखने का सबसे बेहतरीन तरीका।
आज दोस्तों! आपकों बताउगां कि कोई भी दूसरी भाषा सीखने के लिए हमें क्या जरूरी स्टेप उठाने चाहिए।
सबसे पहला चरण जो हमें सीखना चाहिए वह है बेसिक से। अब ये बेसिक आप कहां से शुरू कर सकते है।
सबसे बड़ी जो समस्या है कि हमनें ग्रेजुएशन कर ली एम.ए कर ली। चाहे एम.ए हमने अ्रग्रेजी भाषा में ही क्यों ना की हो।
लेकिन फिर भी हम कही ना कही इस भाषा से पिछड़े हुए है। कारण इसका लगातार प्रयोग में होना।
जिन अ्रग्रेजी शब्दों का हम दैनिक जीवन में प्रयोग करते है। उनको हम बड़ी ही सरलता से प्रयोग कर लेते है।
और पता भी नहीं चलता है कि हम अंग्रेजी बोल रहे है या नहीं इनका पता नहीं चलता।
हमने ग्रेजुएशन कर ली पर अब मैं शुरूआत से अंग्रेजी कैसे शुरू करूं।
दोस्तों हम अपनी शिक्षा पूरी कर लेते है लेकिन फिर भी हमें इस भाषा में समस्या का सामना करना पड़ता है।
सबसे पहले आप को क्या करना टाइम टेबल सेट कीजिए कि इतना समय मुझे रोज देना ही देना एक घण्टा या दो घण्टा बहोत है यार।
अगर हम कन्टीन्यू इसे सीखते है तो एक घण्टा भी बहुत होता है। दूसरा स्टेप में आपको क्या करना है अब आपको यह देखना है कि मेरे पास क्या मटीरियल है आपके पास पुरानी किताबें पड़ी होगी अंग्रेजी की।
नर्सरी से लेकर अब तक जितनी भी किताबें है उनको एक जगह इक्ट्ठा कर लीजिए। और रख दीजिए।
अब आपको तीसरे चरण में क्या करना है अपने मोबाइल फोन में गूगल ट्रांसलेटर को इन्स्टाल कर लेना है।
बेहतरीन शुरूआत के लिए तैयारी।
अब आपको करना है सबसे पहले आपको इन इकक्ट्ठी की गई किताबों में से सबसे पहले आपको नर्सरी की किताब उठा लेनी है
और एक एक चेप्टर को बड़े ही ध्यान से पढ़ना है आप कहेगें कि इससे मुझे क्या फायदा होगा। कि नर्सरी की किताबें भी कोई पढ़ने की चीज है।
इन्हें तो यू पढ़ दूगां। आपके मन में यह बातें आएगी। जी हां, यही आपको करना है। और यह करना है कि उस चेप्टर में कोई भी एक भी ऐसा सेनटेन्स नहीं बचना चाहिए जिसका आपको मीनिंग न पता हों।
अगर नहीं पता है तो आप डिक्शनरी या गूगल ट्रांसलेटर की मदद से पता कर लेना है। बस आपको एक-एक चेप्टर को बड़ें ही ध्यानपूर्वक पढ़ना है और यही उसमें चेक करना है
कि मुझे किस लाइन का मतलब नहीं पता है या किस शब्द का मुझे अभी तक पता नहीं है उसका अर्थ नही पता है।
यही उस पहली बुक में आपको देखना है चेक करना है। जब आपकी यह किताब पूरी हो जाए तो आपको दूसरी किताब भी इसी तरह पढ़नी है। और इसी तरह एक-एक स्टेप आगे बढ़ते जाना है।
पढ़ने और चेक करने का तरीका।
जिस भी किताब से आप शुरूआत कर रहें है इसका अर्थ यह नहीं है कि आप केवल पढ़ना ही जानते हो उसका अर्थ ही आपको पता हो। यह दो स्टेप तक तो आपके दिमाग में होगें।
पर जिस स्टेप के लिए आपने शुरूआत की है। जिस स्टेप के लिए आप यहां आए है वह फिर से छोड़ रहे हो। फिर से आप लोग कहेेगें कि मुझे तो अंग्रेजी भाषा आती ही नहीं है क्योंकि आप बार-बार वह गलती दोहरा रहे है। जरूरी स्टेप आपको क्या करना है।
आपको एक अपनी भाषा मातृभाषा हिन्दी का उदाहरण देता हूँ। हम जब हिन्दी भाषा सीखते है तो सबसे पहले उसे पढ़ते है। फिर उसका अर्थ भी समझने की कोशिश करते है मैं शुरूआती चरणों की बात कर रहा हूँ।
शुरूआती स्टेप की बात कर रहा हूँ जिनसे गुजर कर हम यहां तक पहुंचते है हालाकि यह बात अलग है कि अब हमें इतने अर्थ हिन्दी भाषा में अब जानने की जरूरत नहीं है। हम इतने पारागंत हो गए है कि हम समझ लेते है।
बोलने की कोशिश भी हम करते है। उस वाक्य को हिन्दी सीखते समय ।
दोस्तों यही वह स्टेप है जिसे हम मिस कर जाते है। बोलने पर अभ्यास करना । आपने जो किताबें चुनी है मुझे पता है आपको बोरिंग लग रहा होगा।
लेकिन बिना देखे अब अगर इस किताब के वाक्य को आप बोलने की कोशिश करोगे तो आज भी आप इसमें असफल हो जाओंगें जो कि हमारा जरूरी स्टेप है इसी स्टेप पर हमें अभ्यास करना है। बार-बार करना है।
यही है अबकी बार हमारी कोशिश और आखिरी।
दोस्तों यही अबकी बार हमारी कोशिश है कि हम यही चरण बार-बार दोहराय यही उन सभी किताबों को लेकर उठाना है जो अब तक आपने नहीं किया है समझों यही वह चरण जो हमारी जुबां को एक तरह से मजबूत बनाएगा।
और हम धीरे-धीरे अपने सीखने की कला में माहिर होते चले जाएगें और आपकों पता भी नहीं चलेगा कि कब हमने शुरूआत की थी और कब किस समय हमने अंग्रेजी भाषा को बोलना सीख लिया है।
दोस्तों इन बातों को हल्के में मत लेना इन्हे बहुत ही अनुभव के साथ आपको दे रहा हूँ। लिख रहा हूँ।
कोंचिग सेन्टरों के चक्कर में पड़कर पैसा मत बर्बाद करों।
बहोत से मेरे दोस्त है जो कि कोचिंग सेन्टरों के चक्करों में पड़कर अपना पैसा बर्बाद करते रहते है। पर उन्हें पता नहीं होता है कि ये दो चार वाक्य सीखाकर कहते है कि अंग्रेजी बोलना सीख लिया है।
सुबह-शाम की नमस्ते करना सीखाते है। और हाऊ आर यू।
आई एम वैल फाइन थैक्यू। बस यही तक होता है अगर इससे आगें कोई पूछ ले या बातचीत बढ़ाना चाहेगे तो आप बात नहीं कर पाओगे।
वही आप की टाय टाय हो जायेगी। यही है इन कोचिंग सेन्टरों का सच।
अगर आप गए होगे तो आप जज करके देख लो यही तक ही होता है।
मेहनत करने से ही फल मिलता है।
दोस्तों अगर आप रोज एक घण्टा देकर इस अंग्रेजी भाषा को सीखते है गहराई से महसूस करते है इस भाषा को इस तरह से सीखों जिस प्रकार हम हिन्दी को सीखते है
जिस प्रकार हम हिन्दी भाषा के वाक्य या बात करते वक्त इसमें हाव भाव के सहारे बात करते है सुख-दुख को महसूस करते है।
ठीक उसी प्रकार इस भाषा में भी अपने हाव-भाव को जोड़ो और अपने हर विचार को पूरी तरह अपनी भावना डालकर महसूस करोंगें तो बहुत ही जल्दी यह भाषा आपके जेहन मे बैठ जायेगी।
फिर आप कहोगें कि मैं अंग्रेजी सीख चुका हूँ लेकिन पता ही नही चला कब यह मेरे जुबां पर आ गयी। तो दोस्तों यही जादू होता है इस अभ्यास का ।
तो दोस्तों अब अपनी लेखन को विराम दूंगा यही लिखकर कि यही है बेहतरीन अभ्यास यही है बेहतरीन कला सीखने की। यही है वह अभ्यास। यही है वह स्टेप जो आप लेना भूल गए थे। इस स्टेप को भूल मत जाना।
क्या है वह स्टेप पढ़ना और उस वाक्य को बोलने की कोशिश करना बिना देखें उस वाक्य को ।
निष्कर्ष में इन स्टेपों को बताना चाहूंगा। सबसे पहले आपको किताब के चेप्टर को पढ़ना है किसी वाक्य या शब्द का अर्थ नहीं पता तो उसके अर्थ को पता करों फिर उस वाक्य को बिना देखें बोलने की कोशिश करनी है पूरे दिन में उसे दोहराने की कोशिश करें ।
कम से कम दो या तीन बार उस पूरे चेप्टर को आपको रिवाइस करना ही करना है।
बस दोस्तों यही है वह बूटी जिसे आप ढूढ़ रहे थे। इसे पढ़ने के बाद भी अगर आप और कुछ खोजते है तो आपका समय बर्बाद होगा। हाथ कुछ लगेगा नहीं । अगर आप इन स्टेपों पर मेहनत कर लेते हों तो आपको अंग्रेजी सीखने से कोई नहीं रोक सकता।
बाकी अगर आप सोच रहे है कि मैं एक दिन या एक महीने में ही मास्टर बन जाऊ फिर तो आपकों जरूर ऐसे गुरू की तलाश जारी रखनी चाहिए। हां अगर ऐसा गुरू मिल जाए जो एक दिन या एक महीनें में आपकों सीखा दे तो मुझे भी बताना।
हां मैं तो आपको एक वर्ष तक का समय देता हूँ कि आप अंग्रेजी सीख जाएं। आपको पता है हम हिन्दी भाषा को आज भी पूरी नहीं सीख पाए है तो फिर दूसरी भाषा की तो बात ही दूर है।
दोस्तों किसी भी काम को करने के लिए एक तार में चलना लगातार बहुत ही मेहनत का काम होता है। और इसी रास्ते पर चलकर ही सफल हुआ जा सकता है। धन्यवाद आपने इस आर्टिकल को पढ़ने में समय दिया।
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2.भगवान हमारे अंदर ही विराजमान है।
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