जीवन का अनदेखा खेल
दोस्तों इस जीवन के जिस भी पहलू से हम रोज गुजर रहे है हमें पता नहीं है वो हमें किस ओर ले जायेगा। हर कदम पर एक जुआ है। हर कदम पर दो रास्ते है।
हर कदम पर रास्तों की संख्या बढ़ सकती है पर घटने का नाम नहीं लेती है और हर रास्ते पर हमें एक का चुनाव करना पड़ता है। चाहे वह सही हो या फिर गलत हमें एक रास्ते का चुनाव करके आगे बढ़ना होता है हमें पता नहीं है कि यह हमारे भले के लिए है या फिर हमें एक ओर शिकस्त खानी पड़ेगी।
अपने अन्तर्मन की आंखों से देखना।
मनुष्य अगर हर कदम पर चुनाव करता है और वह चुनाव अगर अपने अन्तर्मन के ज्ञान से किया जाए तो 90 प्रसेन्ट सभावना है कि हम कामयाब ही होगें। पर हम एक दो शिकस्त या हार के बाद अपना निर्णय बदल बैठते है
अपने अन्तर्मन की आवाज को दबा देते है और सोचते है उन लोगो के बारें में जो पहले भी इस रास्ते से गुजर चुके है पर वह समय कुछ ओर था। समय के साथ-साथ हालात और स्थिति बदल जाती है
जिसके कारण वह आदमी भी फेल हो जाया करते है जिन्होंने अपनी सारी जिंदगी उस रास्ते पर बितायी हो। यह जिंदगी है यहां हर कदम एक नई जंग है हर रोज लड़ना पड़ता है।
अपने आप की दूसरों से तुलना करना बंद करों।
कई लोग होते है कि जरा सा काम बना नहीं कोई काम सीधे तरीके से हुआ नहीं। और हम अपने आप को कोसने लगते है और अपने आप की दूसरों से तुलना करने लगते है यह तुलना करना भी बड़ा ही खतरनाक है
मेरे प्यारे मित्रों यह तुलना करना इतना खतरनाक होता है कि हम पूरी जिंदगी अपनी बर्बाद कर बैठते है वो कैसे आइए देखते है एक अपनी असल जिंदगी का
उदाहरण लेते है।
एक व्यक्ति है जो बहुत दुखी है दुखी क्यों है वह बताएगा कि उसकी सैंिटंग ने उसे छोड़ दिया है उसे धोखा दे दिया है अब उसका दुनिया से विश्वास उठ चुका है अब इस घटना के बाद सभी लोग उसे दुश्मन लगने लगते है। केवल लोग अगर भूल से भी दूसरी लड़की हमदर्दी दिखाएगी तुरन्त तो उस पर भी उसका विश्वास नहीं होगा वह सोचेगा यह भी ऐसी ही होगी।
अब काम की बात बताता हूँ। एक विचार करों किसी व्यक्ति का दिल टूटा हुआ है कही अकेला चारपाई पर पडा मोबाइल या फिर पहले रेड़ियों होती थी अब तो किसी को इतना शौक नहीं है गाने सुनने का उसी तरह का दिल टूटने के बारें गाना चल रहा है। यह फिल्म से संबंधित है जो कि बिल्कुल नकली स्थिति बनाई गई है पर गाने के बोल बड़े प्यारे है कानों में रस घोल रहें है। बोल दिल को छू रहे है हम वह गाना सुनकर अपने आपको उस एक्टर में देखते है सोचते है इसके साथ भी ऐसा ही हुआ होगा।
यह दुनिया इसी तरह की है। फिल्म वालों का तो काम हो गया कि एक श्रोता मिल गया। उनकी आया बढ़ गयी पर अब जब भी वह गाना आपको सुनाई देगा तो आपको जरूर सुनना पडेगा। या जरूर सुनेगे।
दूसरा अपना कीमती समय जो समय उस गाने का सुनने में व्यतीत कर रहे हो किसी कार्य में लगाते तो शायद कुछ बन पाते।
दूसरा हमारें बड़ों ने हमें बताया है कि गाने सुनने से हमारा दिल और दिमाग सही रहता है। हमारे स्वास्थ्य के लिए ठीक है सही है।
पर क्या आपको पता है जिन भावनाओं को आप उस संगीत के साथ जोड़ रहे है वह भावना ओर पक्की हो रही है और आपके हृदय में घर कर रही है जिन्हें आप भविष्य में निकालना भी चाहेगे तो निकाल नहीं पायेगें।
अगर उस संगीत के बीच जब संगीत चल रहा होगा तो आपको बड़ी तकलीफ होगी। आप को अति क्रोध भी आ सकता है जिसके कारण घर बड़ा कलेश हो सकता है यह एक आसक्ति की स्थिति बन जाती है जो कि हमारे लिए बहुत ही खतरनाक सिद्ध होगी।हमें इन सबसे बचना चाहिए।
अपने विचारों को खुला रखकर सोचों।
दोस्तों अपने विचारों को स्वतंत्र रखकर सोचों किसी दबाव में आकर कोई निर्णय मत लो। कभी दुखी होकर निर्णय मत लो। हांलाकि हमें निर्णय हर हालत में हर क्षण लेना पड़ता है पर जिस विचार पर हमें लम्बा काम करना पडे़ कोई बड़ा निर्णय दुखी मन से कभी भी नहीं लेना चाहिए।
हमें अपने विचारों को एक खुला आसमान देना चाहिए जहां हमें हर प्रकार से एक विचार को जिंदगी के दोनों पहलुओं से देखना चाहिए। यदि हम किसी बात पर निर्णय ले रहे है तो हमें यह देखना चाहिए कि यदि हम यह बात दुखी होकर देखे तो कैसे होगा और यही बात अगर मे सुखी हो तो कैसा हेागा।
दोनों पहलुओं से देखना चाहिए। अपने आपको संभाल कर रखों। दोस्तों यह मानव जीवन जो हमें मिला है बड़ी ही कश्मश के बाद हम इस चुनते है कोई हमें इसे प्रदान नहंीं करता है इसे हम स्वयं अपने कर्माें के हिसाब से चुनते है। कोई भी ईश्वर नहीं है कि आपके बही खाता खोलता फिरेगा।
हम स्वयं ही अपने बही खाते का हिसाब रखते है अगर यह मांस हड्डी का कवर हटा दें। तो क्या बचेगा जो बचेगा हम आप इसे अपनी आंखों से नही देख पाएगें यह एक सूक्ष्म शरीर होगा।
अपने मन की दबी बातों का निकालना।
अगर आप शांति से बैठकर शांत भाव से अपने अंदर को टटोलोगांे तो पाओंगों कि कुछ बातें हमारें अन्दर चल रही जिसका विलाप आप केवल पहले अपने ऊपरी मन को शांत कर रोक सकेगे। आप पाएगें कि यह विलाप तो अलग ही चल रहा है यह किस बात पर हो रहा है।
आपका मन जितना आपको ऊपरी तौर पर परेशान करता है विचारों को पैदा करता है इससे कहीं अधिक अन्दर का वार्तालाप चल रहा होता है इसे आप अपने हृदय के नजदीक महसूस कर सकते है। कि कुछ वार्तालाप बराबर चल रहा है आप इसे देखें कि किन बातों को आपका मन उठा रहा है
शांत भाव से सुने महसूस करे कि किन बातों से में अन्दर से परेशान हूँ अगर आप इसे ईमानदारी से समझ पायें तो आप पायेगें कि आपका बहुत सारा तनाव कम हो जायेगा। और जिंदगी जीनें का नया ढ़ग आपको मिल जाएगा। आपकी जिंदगी बदलती चली जायेगी।
1. आवारा उम्र
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