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जादूगर की बातें

 जादूगर की बातें


जादूगर भी कई प्रकार के होते है। एक जादूगर वह है जिसे देखने के लिए पहले टिकट खरीदना पड़ता है। और जादूगर वह होता है, जिसे हम यू ही गांव के नुकड़ पर देखते है गांवों की गलियों में देखते है। पर ये जो गांवों की गलियों मे होते है बहुत ज्यादा खतरनाक होते है। 

इतने खतरनाक तो वह भी नहीं होते है। जिनका हम टिकट लेकर देखते है। दोनों में फर्क साफ है। एक को पहले ही पैसे मिल जाते है। पर जो गांव में दिखाता है अपना जादू उसका पक्का नहीं होता है क्योंकि कोई दे ना दे कोई पांच रूपये दे कोई दस रूपये दे, किसी का कुछ पता नहीं है। तो इसलिए जादूगर भी सयाने हो गए है। वह इतना लोगों को डरा देते थे कि अपनी जगह से हिल भी नहीं पाते थे।

जादूगर की कला

जादूगर जो कलाएं दिखाता था उसको दिखाने के लिए बहुत ज्यादा भीड़ जमा हो जाया करती थी। क्योकि वह इतना रोमांचक होता था कि अगर किसी ने एक नजर भर के भी देख लिया तो उसका वहां से हिलना मुश्किल हो जाया करता था क्योकि आगे क्या होगा 

बस यही उसके मन में रोमांच बना रहता था। और कुछ लोगों वह इस प्रकार डरा या भयभीत कर देता था कि वहां हिलना भी दूभर हो जाया करता था। क्यांेकि वह अपने जादू व कला के माध्यम से कुछ ऐसे कारनामें लोगों को दिखाता था कि लोग डर जाया करते थे। 

एक व्यक्ति भरी भीड़ में हिल जाता है जो कि जादूगर ने मना किया हुआ था खून की उलटी से नीचे गिर जाता था उसे देखकर अन्य लोग भी डर जाते थे और वही पर जम जाया करते थे। बड़ा ही अजीब खेल था वह।


व्यक्ति की गर्दन काटना।

जादूगर एक व्यक्ति जो नीचे लेटा रहता था उसके ऊपर सफेद कपड़ा डालकर रखता था और कपड़े के ऊपर से ही उसकी गर्दन को अलग करके दिखाता था। बाहर नंगी गर्दन काटकर नहीं दिखाई जाती थी। जादूगर जो गर्दन दिखाता था वह कपड़े के ऊपर से ही पकड़कर दिखाता था। अब वह सच में कटी है या नहीं भी कटी यह तो भगवान जानता है पर लोग इतने भयभीत हो जाया करते थे कि बस पूछो मत।
भगवान भगवान, अल्हा अल्हा, करके लोग वहां से निकलते थे। 

देखना था फिल्म और देख बैठे खेल।

होता ऐसा था दोस्तों पहले क्या होता था कि लोग हॉल में फिल्म देखने जाया करते थे। अब वहां कही बाहर ही खेल वाला यानि की जादूगर भी अपना खेल दिखाता रहता था। अब जैसे ही लोगों ने खड़े होकर देखा कि चलों देख लेते है थोड़ी देर फिर फिल्म देख लेगें अब किस को पता था कि टिकट के पैसे भी यही देने पड़ जाएगे।

जैसे ही जादूगर या बाजीगर कहते थे गांव में कि लोग काफी इक्कट्ठा हो गए है तो वह पहले सभी की कसम देता था मां-बाप जिसको जो प्यारा था वह उसी की कसम उसे देता था कि जो भी अधूरा खेल देखकर गया वह अपने प्रिय को नहीं देख सकेगा। या यह व्यक्ति जब तक जिंदा नहीं हो जाता जब तक वह यहां से हिल भी नहीं सकते है।

 तो इस प्रकार वह बाजीगर लोगों को बांधे रखता था अगर लोगों ने जिद की वह अपना खेल जल्दी से खत्म कर दे तो वह बाजीगर शर्त रखता था कि चलों मै आप लोगों के कहने पर अपना खेल जल्दी ही खत्म कर रहा हूँ पर इसके लिए तुम्हें अपने सबसे प्रिय की कसम है 

जिसकी जेब में जितने भी पैसे है वह अगर देकर नहीं गया तो वह अपने प्रिय को खो बैठेगा। उसका इल्म व जादू देखकर लोग पहले बहुत डरे हुए होते थे सो वह पैसे भी देते थे। दोस्तों आप समझ ही गए होगे की देखने गए थे फिल्म और देख बैठे खेल।


इसी दौर के नीम हकीम 

इसी दौर के नीम हकीम जो जुमला लगाकर जहां तहां आज भी देखने को मिल जाते है। वह अपनी दवाई बड़े ही ऊचंे दाम पर बेचते थे। लोगों को इस प्रकार जड़ी-बूटियों का प्रदर्शन करते थे ऐसे तो आप एनिमेशन लगाकर भी नहीं दिखा सकते है। 

वह बिल्कुल रियल लगता था जबकि उनकी जो दवाई खरीदकर लाता था सेवन करता था कुछ असर देखने को नहीं मिलता था। इतना शिक्षा का प्रचार पहले नहीं होता था तो लोग भी कम पढ़े-लिखें हुआ करते थे। भोले भाले लोग जो चाहे वैसे बेवकूफ बना लें।

 लेकिन शिक्षा का बोल बाला होने से मीडिया के संसाधन ज्यादा होने से आजकल तो पल-पल की खबर देखने को मिलती है प्रशासन भी थोड़ा सख्त हो चुका है तो आजकल ये कारनामें कम ही देखने को मिलते है। 

लिंग की समस्या वही ज्यों की त्यों

दोस्तों मैं आपको बताना चाहूंगा कि जो युवा वर्ग में जो उत्तेजना होती है उस उत्तेजना का दबाने के लिए वह कई बार गलत कार्य यानि हस्तमैथुन करते है जिनसे उनके लिंग की नसें काफी कमजोर हो जाती है। पर आपको बताता चलूं कि किसी अच्छे डाक्टर से सलाह लेकर अगर इलाज किया जाए तो यह बीमारी ठीक हो जाती है। रही बात टाईमिंग की यह किसी की भी 2 या 3 मिनट से ज्यादा नहीं होती है। इसमें कोई संदेह नहीं है। 
तो टाईमिंग की तो आप चिंता छोड़ दों।

कई बार होता है कि योनि पर लिंग रखते ही वीर्य स्खलित हो जाता है यह तब होता है जब आप पहली बार सेक्स करते है या फिर आपने कोई ऐसे दृश्य देखे है जिसके कारण आप हद से ज्यादा उत्तेजना आपके अन्दर भर गयी है। तो ऐसा तब होता है। 

अगर यह समस्या आपको बार-बार आ रही है तो डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है अन्यथा कही जाने की आपको जरूरत नहीं है अगर यह कभी कभार हो जाता है तो यह कोई बीमारी नहीं है यह सभी नौजवान युवाओं के साथ अक्सर हो जाता है। 

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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