टायर खत्म टयूब भी खत्म
दोस्तों कल यानिके 11 नवम्बर की बात है। मैं सहारनपुर वर्कशॉप मे काम कर रहा था। तो गाड़ी सर्विस के लिए आती है। पर उसके एयर फिल्टर नहीं थें तो उसका सामान लाने के लिए मुझे बाजार जाना था। और साईकिल का पिछला टायर खत्म टयूब भी खत्म। तो मैंने ही खुद मालिक से बात की और साईकिल में टायर डलवाने चला गया पर जाने से पहले मैने यहां के जो डेन्टर है उनसे पूछा पर उन्होनंे जाने से इंकार कर दिया। अब बात करते है कि जब मैं चला गया तो थोड़ी देर के बाद ही हमारे डेन्टर साहब का फोन आता है कि कहां हो मैने कहा मै तो दुकान पर हूँ।
वह वही पर पहुंच गए और कहने लगे कि कौन सी कंपनी का टायर डलवा रहे हो। देखा कितना होशियार है हमारे डेन्टर साहब पर मूर्ख भी भाई जब मै उनसे बार-बार पूछ रहा था जाने की तब तो मना कर रहे थे और फिर बेशर्म की तरह आ गए मुंह उठाके अपनी मोटरसाईकिल पर ।
ऐसे लोग दिमाग से पैदल और कर्मों से बेवकूफ होते है। इनके दिल दिमाग काम नहीं करते है बैचेन रहते है।
धर्म से मुस्लिम और बिरादरी का गाड़ा काम बिगाड़ा होता है यह कहावत आज इसने सच करके दिखा दी।
रालको कंपनी का टायर मैने उस साईकिल में डलवाया आज की डेट में इसकी कीमत एक दुकान पर 270 रूपये और 120 रूपये की ट्यूब तथा दो जोड़ी ब्रेक गिराए रबड़ के जिनकी कीमत 40 रूपये 20 रूपये जोड़ी।
यह कीमत दोस्तों दुकान की बता रहा हूँ जो मार्किट में दुकानें खोले बैठे है थोक विक्रेता का मूल्य इससे कम होता है। दोस्तों मेरी जिंदगी की पोस्ट से आपकों बहुत कुछ सीखनें को मिलेगा।
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