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सर्विस के बाद पिकअप की समस्या

 

किसी गाड़ी में सर्विस के बाद पिकअप की समस्या से निदान कैसे मिलें (Pickup Problems after doing service)

सर्विस के बाद यदि गाड़ी में पिकअप की समस्या आ रही है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। इसे ठीक करने के लिए आप निम्नलिखित चीजें जांच सकते हैं:

 

1. एयर फिल्टर की जांच करें:

यदि एयर फिल्टर गंदा या जाम है, तो इंजन को पर्याप्त हवा नहीं मिल पाती, जिससे पिकअप पर असर पड़ता है। एयर फिल्टर को साफ करवाएं या बदलवाएं।

2. फ्यूल सिस्टम की जाँच:

खराब फ्यूल पंप या फ्यूल फिल्टर भी पिकअप की समस्या पैदा कर सकते हैं। फ्यूल पंप की प्रेशर जाँच करें और फ्यूल फिल्टर को बदलें यदि यह पुराना या जाम हो।

3. इंजन ऑयल और स्पार्क प्लग की स्थिति:

इंजन ऑयल की कमी या पुराना ऑयल इंजन के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। सही मात्रा में नया ऑयल डलवाएं।

स्पार्क प्लग खराब हों तो गाड़ी को पावर नहीं मिलती। इन्हें साफ करवाएं या बदलवाएं।

4. इंजन ट्यूनिंग:

कभी-कभी सर्विस के दौरान इंजन की ट्यूनिंग ठीक से नहीं होती, जिससे पिकअप में समस्या आती है। किसी अनुभवी मैकेनिक से इंजन ट्यूनिंग दोबारा कराएं।

5. थ्रोटल बॉडी की सफाई:

थ्रोटल बॉडी में जमा गंदगी भी पिकअप की समस्या कर सकती है। इसे अच्छे से साफ करवा लें ताकि एयरफ्लो सही रहे।

6. क्लच प्लेट और ट्रांसमिशन:

अगर क्लच प्लेट घिसी हुई है तो गाड़ी में पावर ट्रांसफर सही से नहीं हो पाता और पिकअप कमजोर हो जाती है। क्लच प्लेट की जांच कराएं और जरूरत हो तो इसे बदलें।

इनमें से हर एक पॉइंट पर ध्यान देकर आप पिकअप की समस्या का समाधान पा सकते हैं।

 

थ्रोटल बॉडी ka kaam kya hota hai

थ्रोटल बॉडी का काम इंजन में जाने वाली हवा की मात्रा को नियंत्रित करना है। यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो इंजन के एयर इनटेक सिस्टम में स्थित होता है। थ्रोटल बॉडी में एक फ्लैप या वाल्व होता है, जिसे थ्रोटल वाल्व कहते हैं, जो खुलता और बंद होता है ताकि इंजन को जरूरत के अनुसार हवा मिल सके।

 

थ्रोटल बॉडी के मुख्य कार्य:

हवा का नियंत्रित प्रवाह: थ्रोटल बॉडी एयर फिल्टर से आने वाली हवा को नियंत्रित करके इंजन में भेजती है। जब एक्सलेरेटर पेडल दबाते हैं, तो थ्रोटल वाल्व खुलता है और ज्यादा हवा अंदर जाती है, जिससे इंजन की स्पीड बढ़ती है।

 

इंधन और हवा का मिश्रण बनाना: थ्रोटल बॉडी सही मात्रा में हवा को इंजन में भेजती है ताकि वह ईंधन के साथ मिलकर पावर जेनरेट कर सके। ज्यादा हवा का मतलब ज्यादा पावर और तेज पिकअप होता है।

 

इंजन की स्पीड और पावर को नियंत्रित करना: जब थ्रोटल वाल्व खुलता या बंद होता है, तो इंजन की स्पीड और पावर में परिवर्तन होता है। इस प्रकार, थ्रोटल बॉडी वाहन के एक्सलेरेशन और स्पीड को नियंत्रित करती है।

 

थ्रोटल बॉडी की समस्या के लक्षण:

गाड़ी का पिकअप कम हो जाना।

गाड़ी का अनियमित तरीके से चलना या झटके लगना।

ईंधन की खपत बढ़ना।

इंजन का रुक-रुक कर चलना या बंद हो जाना।

थ्रोटल बॉडी का सही से काम करना गाड़ी की पिकअप और माइलेज के लिए महत्वपूर्ण है।

इंजन किन-किन चीजों से मिलकर बना होता है?

इंजन कई महत्वपूर्ण हिस्सों से मिलकर बना होता है। इनमें मुख्य रूप से:

  1. सिलेंडर (Cylinder): यह इंटर्नल कम्प्रेशन का हिस्सा होता है, जहाँ इंधन और हवा का मिश्रण जलता है।

 

ठीक है,

a)      सिलेंडर को ऐसे समझो जैसे कि एक बड़ा धातु का बर्तन होता है, जो इंजन के अंदर होता है। इसमें एक छोटी सी पिस्टन नाम की चीज़ होती है, जो ऊपर-नीचे घूमती है। जब इंजन चालू होता है, तो उसमें हवा और पेट्रोल (इंधन) का मिश्रण डाला जाता है। यह मिश्रण सिलेंडर के अंदर जलता है, और इसी से इंजन को ताकत मिलती है।

b)      इसी जलने से सिलेंडर में एक तरह की "धक्का" (पॉवर) पैदा होती है, जो पिस्टन को ऊपर-नीचे हिलाती है। फिर यह धक्का क्रैंकशाफ्ट तक पहुँचता है, और यही धक्का गाड़ी को चलाने के लिए काम आता है।

c)      तो, सिलेंडर एक ऐसा स्थान है जहाँ इंजन के अंदर का इंधन जलता है, और इंजन को ताकत मिलती है।

 

  1. पिस्टन (Piston): सिलेंडर के अंदर पिस्टन होते हैं, जो ऊपर-नीचे मूव करते हैं और ऊर्जा पैदा करते हैं।

     ठीक है!

 

a)      कल्पना करो कि पिस्टन एक बड़ा चम्मच जैसा है जो सिलेंडर के अंदर चलता है। अब, जब इंजन में इंधन जलता है, तो यह बहुत गर्म होता है और हवा को दबाता है। यह दबाव पिस्टन को जोर से धक्का देता है, जैसे किसी बर्तन में पानी को दबाना। पिस्टन तब ऊपर-नीचे होता है, जैसे तुम चम्मच को ऊपर-नीचे करते हो, और यह मूवमेंट इंजन को चलता है।

b)      इस पिस्टन का ऊपर-नीचे होना उस ताकत को पैदा करता है, जो गाड़ी को चलाने के लिए ज़रूरी होती है। तो, पिस्टन एक तरह से इंजन की ताकत बनाने में मदद करता है, जिससे गाड़ी चलती है!

 

  1. क्रैंकशाफ्ट (Crankshaft): यह पिस्टन की मूवमेंट को घुमाव में बदलता है, जिससे गाड़ी की गति बढ़ती है।

क्रैंकशाफ्ट को समझने

के लिए इसे ऐसे सोचो जैसे एक बड़े चकरी या व्हील की तरह।

जब कार के इंजन में पिस्टन ऊपर-नीचे हिलते हैं, तो यह क्रैंकशाफ्ट को घुमाने के लिए ताकत पैदा करता है। क्रैंकशाफ्ट एक लंबी धातु की छड़ी होती है, जो पिस्टन के मूवमेंट से घुमती है। जैसे ही यह क्रैंकशाफ्ट घूमती है, वह गाड़ी के पहिए को घुमाने के लिए ताकत (पावर) भेजती है।

यानि, पिस्टन जब ऊपर-नीचे होते हैं, तो क्रैंकशाफ्ट उसे घुमाव में बदलकर पहिए तक पहुंचाता है। इस तरह से गाड़ी चलने लगती है।

 

  1. वाल्व (Valves): ये इंधन और हवा के मिश्रण को सिलेंडर में प्रवेश करने और निकास गैस को बाहर जाने की अनुमति देते हैं।

वाल्व (Valves) को समझने के लिए,

मान लो एक जार (डब्बा) है जिसमें हम कोई चीज डालना या निकालना चाहते हैं। वाल्व ठीक उसी तरह काम करते हैं जैसे डब्बे में एक ढक्कन हो, जो खोलने और बंद करने का काम करता है।

इंजन में वाल्व का काम है, हवा और इंधन को अंदर आने देना और जलने के बाद निकास गैस को बाहर जाने देना।

  1. इनलेट वाल्व (Inlet Valve): जब इंजन को चलाना होता है, तो यह वाल्व हवा और इंधन का मिश्रण अंदर आने देता है।
  2. एक्सहॉस्ट वाल्व (Exhaust Valve): जब इंधन जलकर गैस बन जाती है, तो यह वाल्व उन गैसों को बाहर निकलने देता है।

तो, वाल्व की तरह, ये ढक्कन काम करते हैं, जो जरूरत के हिसाब से खुलते और बंद होते हैं।

 

 

  1. कमप्रेशन रिंग (Compression Rings): ये पिस्टन के चारों ओर लगे होते हैं और सिलेंडर की दीवार से इंधन मिश्रण को सुरक्षित रखते हैं।

ठीक है, इसे बहुत आसान तरीके से समझते हैं:

 

जब हम कार के इंजन के बारे में बात करते हैं, तो पिस्टन सिलेंडर के अंदर ऊपर-नीचे चलता है। पिस्टन के चारों ओर एक छोटा सा रिंग होता है, जिसे हम कमप्रेशन रिंग कहते हैं।

 

अब, इस रिंग का काम यह है कि यह सिलेंडर की दीवार से पिस्टन को घिसने से बचाता है और इंधन और हवा का मिश्रण (जो जलने वाला होता है) बाहर नहीं जाने देता। इसे हम ऐसे समझ सकते हैं जैसे कि एक रबर की सील हो, जो पानी के टब को बंद रखती है ताकि पानी बाहर न गिरे।

 

इससे इंजन के अंदर का इंधन सही तरीके से जलता है और इंजन को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलती है।

 

  1. कम्बश्चन चेंबर (Combustion Chamber): यहाँ पर इंधन का मिश्रण जलकर ऊर्जा पैदा करता है।
  2. टाइमिंग बेल्ट (Timing Belt): यह वाल्व और पिस्टन की मूवमेंट को सही समय पर जोड़ता है।
  3. ऑइल पंप (Oil Pump): यह इंजन के अंदर लुब्रिकेशन के लिए तेल को सप्लाई करता है, जिससे इंजन के पार्ट्स के बीच घर्षण कम होता है।
  4. इग्निशन सिस्टम (Ignition System): यह इंधन के मिश्रण को जलाने के लिए स्पार्क प्लग का इस्तेमाल करता है।

ये सभी घटक मिलकर इंजन को चालू और सुचारु रूप से कार्य करने में मदद करते हैं।

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Milan Tomic

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