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मेरी लाईफ का सफर (Today 29 September 2024. and yesterday night)

 मेरी लाईफ का सफर (Today 29 September 2024. and yesterday night)

आज सुबह मैं देरी से उठा। कारण! मेरे बेटे उदय की रात 11ः00 बजे बहुत तेज बुखार हो गया। पहले तो वह ऐसे चारपाई पर लेटा रहा। बाद में जब उसको उठाकर अच्छी तरह लेटने को कहा तो वह नींद में था। उसकी माता ने जैसे उसको छुआ तो पता चला कि वह तो बहुत तेज बुखार आ रहा है। तभी मैं हमारे यहां डॉ अनिल है जो गांव में ही दुकान कर रखी है और पास में ही उसका घर है। मैनें डॉ के घर के दरवाजे की कुन्डी खटखटाई तभी एक व्यक्ति बाहर आया मैनें कहा कि मेरे बेटे की तबियत खराब है और प्लीज डॉ को जल्दी से बुला दीजिए। लगभग दो तीन मिनट बाद डॉ आया और उसने दवाई दी दवाई एक सौ चालीस रूपये की हुई मेरे पास सौ रूपये थे तो मैने कहा कि डॉ साहब बाकी के पैसे में फिर अगले दिन देकर जाउगां। 

वैसे तो वह आमतौर पर मात्र चालीस रूपये की दवाई देते है। दवाई लेकर जैसे ही मैं घर आया तो दवाई लेने मेरी बेटी ऊपर छत से नीचे आयी और दवाई लेकर चली गयी। हम छत पर ही रहते है गर्मी के कारण। वहां हवा लगती है और सही महसूस होता है। तो मै रसोई में पानी को हल्का गर्म करके ऊपर ले गया। उसके बाद उसकी माता ने बेटे उदय को दवाई दी। बुखार बहुत ज्यादा तेज था हमने पानी में बर्फ मिलाकर एक सूती रूमाल सिर पर रखा। जिसके कुछ आधा घंटे बाद बुखार हल्का होना शुरू हुआ। पसीना आने के बाद मैने कम्बल उढा दिया था। पसीना आने के बाद मैनें कम्बल उतार दिया था। जिसके कारण शरीर का ताप हल्का हो गया। और तभी हमने चैंन की सांस ली। अन्यथा मन बहुत ज्यादा विचार आ रहे थे मेरे पास शहर जाने के पैसे भी नहीं है मेरे क्या होगा। अगर बुखार ना उतरा तो मैं शहर बिन पैसे के क्या करूगां बहुत ही ज्यादा विचार मन में आए जा रहे थे जैसे-जैसे तबीयत बुखार तेज होता जा रहा था तो जैसे ही बुखार उतरा सभी विचार भी छूमंतर हो गए। 

दवा देने के लगभग पांच या दस मिनट बाद मेरी पत्नि ने अपनी छोटी बहन को भी फोन किया था कि इसको कोई ऐसी वैसी बात तो नहीं है कि बुखार आमतौर पर पांच मिनट के बाद हल्का होना शुरू हो जाता है दवाई लेने के बाद पर यह तो ओर तेज होता जा रहा है इसी डर की वजह से उसने मंत्र द्वारा उसको झाड़ा और कहा कि इसको कुछ नहीं हुआ है इसको बुखार ही है। 

लगभग रात के 12 बजे मैनें चारपाई पर अपनी कमर सीधी की और लेट गया  उसके लगभग एक घ्ंाटे बाद नींद आयी होगी तो सुबह उठने में दंेरी हो गयी। सुबह उठते ही मैंने सबसे पहले दूध लाया और जौ भी लाया लगभग तीन पैकेट लाया 10-10 रूपये वाले। 

कल शाम मेरे साढू का भी फोन आया था। उसे किसी ने बताया होगा कि नहर के पास कोई एजेन्सी खुली है और वहां पर एक व्यक्ति की जरूरत है तो उसने मुझे अपना रूज्यूमें देने को कहा था। 

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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