नमस्कार दोस्तों आज मैं आपके सामने एक नई खूबसूरत सी बात शेयर करना चाहता हूँ।
आज है 02 मई 2024 दिन है बृहस्पतिवार ।
बात है मंगलवार की। यानि 30 अप्रैल की मैने अपनी बेटी का एडमिशन अपने गांव के स्कूल में कराया। आखिरकार मै भी उसी स्कूल में पढ़ा हूँ यह बहुत ही अद्भूत बात है कि जिस गुरूजी ने हमें हाथ पकड़कर लिखना सिखाया है उसी गुरूजी से मेरी बेटी पढ़ना सीख रही है यानि की दोबारा से फिर मुझे मौका मिल रहा है अपनी बेटी के रूप मंे सीखने का।
बड़ी ही खुश कर देने वाली बात है।
घर में कुछ फीस को लेकर मेरी पत्नी और मुझ मंे कुछ कशमकश हो गयी थी। जिसके कारण वहां दाखिला केंसिल हो चुका था । फिर हालात ऐसे बने की हमने फिर से वहां भेजने का फैसला किया है। बस भाग्य जहा किसी का लिखा होता है वही पढ़ता है ऐसा लोग कहते है पर कुछ हालात भी ऐसे होते है कि मनुष्य चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता है। आखिरकार एक परिवार में होने पर हमें बहुत सी बातों को देखना पड़ता है। एक परिवार में रहकर हम सुख-दुख को भी देखते है एक उतार -चढ़ाव जो हमारी जिंदगी में आता उससे भी हम दिन-रात गुजरते है।
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