देहरादून जाना और छोटी वर्कशाप के मालिकों को मिलना।
Dehradun |
दोस्तों आज दिन सोमवार दिनांक 29 अप्रैल 2024 को मै देहरादून स्थित मारूति के एक ऑफिस में मिलने जाना।
दोस्तों मेरा देहरादून जाना एक अलग ही अनुभव रहा जो अनुभव मैं आपके साथ शेयर कर रहा हूँ
चलों शुरू करते है।
सफर शुरू होता है सुबह साढ़े 6ः30 बजे पर सुबह जाने से पहले कुछ तैयारियां करनी पड़ती है इसलिए आज मै सुबह 5ः00 बजे उठा। यानि की जाने से पहले एक घंटा पहले।
सुबह फै्रश होना कपड़े पहनना। नहाना-धोना और फिर पूजा पाठ करना ऐसे आप सभी की तरह ही मेरी सुबह की कुछ शुरूआत होती है।
अब मैं अपने घर से निकलने की तैयारी कर रहा हूँ अपना जरूरी सामान जैसे की बैंग और बैग में क्या-क्या रखना है। अपनी जरूरत का सामान मै ज्यादातर अपना पीने का पानी भी घर से ही लेकर चलता हूँ क्योंकि बाहर का पानी पीना मुझे अच्छा नहीं लगता और वैसे भी फ्री मे तो कोई देगा नहीं। तो मै घर से पूरी तैयारी करके चल दिया हूँ।
अब मैं अपने बस स्टैण्ड पिलखनी पर पहुँचता हूँ यहां आकर मैं ऑटोरिक्शा का इंतजार करता हूँ।
कुछ 5 या 10 मिनट बाद एक रिक्शा आती है और मैं उस पर सवार हो जाता हूँ यानि के बैठ जाता हूँ तो मैं अब सहारनपुर के लिए रवाना हो रहा हूँ। पिलखनी से सहारनपुर 8 या 10 किमी के करीब है। 7ः30 मिनट पर मैं सहारनपुर आ जाता हूँ।
फिर देहरादून के लिए बस पकड़ता हूँ अभी की तारीख मे ंबसें स्टेशन के पास आकर खड़ी होती है और वही से वह सवारी भरकर चलती है।
आज की तारीख बोले तो 29 अप्रैल 2024 और दिन सोमवार है।
सहारनपुर से देहरादून का सफर कितने घण्टे का है?
सहारनपुर से देहरादून ISBT का सफर मात्र 2 घण्टे 30 मिनट का है। क्योंकि मैं सुबह 7बजकर 30 मिनट से 10ः00 बजे तक देहरादून आईएसबीटी तक पहुँचने में।
ISBT से घण्टाघर का जो किराया है वह 20 रूपये है । अगर आपको देहरादून जाना पड़े इस तारीख से देख लेना कि कितना किराया बढ़ा है।
फिर मैं घण्टाघर से राजपुरा रोड़ के लिए जाता हूँ। राजपुरा रोड़ पर ही मारूति का ऑफिस है। जिसे आज तक वहां कोई भी टैम्पू वाला, बस वाला, या रिक्शा वाला नहीं जानता है। बड़ी ही कमाल की बात है।
हां हां..................
बडी़ ही अजीब बात है ना।
इतना बड़ा बरैनड होने के बावजूद ।
चलों यार हमे क्या लेना आखिर मै आफिस पहुँच गया । (Pacific mall ) के पास है यह ऑफिस 2 फ्लोर पर ।
और अगर किराया की बात करें तो मात्र दस रूपये लगते है।
मीटिंग शुरू होती और कुछ खटी और कुछ मीठी बातें होती है अपने काम-काज को लेकर ।
सो ये तो होती रहती है। मुझे भी बहुत ज्यादा सीखने का मिला जिसे मै अपनी नॉलेज के भण्डार गृह में सेव करता रहता हूँ।
यार अगर आप इस ब्लॉग को पढ़ रहे हो ना ।
तो यार इसको ना सब्सका्रइब करके रख लों।
क्योंकि यहां पर आपकों मैं अपने जीवन की सच्ची घटना शेयर करता हूँ। कोई मनगढ़त कहानी नहीं है। हां मैं कोई बड़ा लेखक तो नहीं हूँ पर जिससे मैं आपको भाषा के जनजाल में फंसाऊ। यहंा तो जीतना बीता उतना ही सीखा और वही बात मैं आप तक पहुँचाने की कोशिश करता हूँ।
तो अगले ब्लॉग में फिर मिलते है तब तक आप सीखतें रहिए। और स्वस्थ रहिए। एक नए ब्लॉग में फिर मिलता हूॅ कोई नया सफर लेकर तब तक के लिए आपसे बिछडना चाहूँगा। धन्यवाद
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