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हम इस तस्वीर के हर पॉइंट को एक-एक
करके समझेंगे।
🛞
टायर पर लिखी P215/65R15 95H M+S और अन्य
जानकारी का मतलब
1.
P – Passenger car tyre
- 👉 ये बताता है कि टायर किस प्रकार की गाड़ी
के लिए है।
- P का मतलब होता है "Passenger
vehicle" यानी कार, वैन, SUV
जैसी गाड़ियाँ।
2.
215 – Nominal width of tire in millimeters
- 👉 यह टायर की चौड़ाई बताता है (side से side तक की दूरी)।
- 215 mm
मतलब टायर की चौड़ाई लगभग 21.5 सेंटीमीटर
है।
3.
65 – Aspect Ratio
- 👉 यह टायर की ऊँचाई और चौड़ाई का अनुपात है।
- इसका मतलब है कि टायर की ऊँचाई, चौड़ाई की 65% है।
- उदाहरण: अगर चौड़ाई 215 mm है, तो ऊँचाई
लगभग 139.75 mm होगी।
4.
R – Radial
- 👉 यह टायर के निर्माण का तरीका है।
- R मतलब "Radial" टायर, जो आजकल सबसे आम और मज़बूत टायर होता है।
5.
15 – Rim Diameter
- 👉 यह उस पहिए (रिम) का साइज बताता है जिस पर
टायर फिट होगा।
- 15 inch
मतलब रिम की गोलाई 15 इंच है।
6.
95 – Load Index / Max Load Rating
- 👉 यह बताता है कि एक टायर कितना वज़न उठा
सकता है।
- 95 का मतलब लगभग 690 kg प्रति टायर।
7.
H – Speed Symbol
- 👉 यह बताता है कि टायर कितनी ज़्यादा
स्पीड पर सुरक्षित है।
- H का मतलब है कि यह टायर 210 km/h तक की
स्पीड सह सकता है।
8.
M+S – Mud and Snow
- 👉 इसका मतलब है कि यह टायर कीचड़ और बर्फ
वाले रास्तों के लिए भी ठीक है।
9.
U.S. DOT tire identification number
- 👉 यह टायर का यूनिक पहचान नंबर होता
है, जो अमेरिका की सरकार (DOT) द्वारा
दिया जाता है।
- इससे टायर की क्वालिटी और
मैन्युफैक्चरिंग डेट पता चलती है।
10.
Max permissible inflation pressure
- 👉 टायर में अधिकतम हवा का दबाव कितना
हो सकता है, यह बताया जाता है।
- जैसे: Max Press 35 PSI
का मतलब है कि टायर में 35 PSI (पाउंड
प्रति इंच) तक हवा भर सकते हैं।
11.
Tire ply composition and materials used
- 👉 इसमें टायर के अंदर इस्तेमाल हुआ
मटेरियल लिखा होता है, जैसे:
- Steel
- Nylon
- Polyester
- यह जानकारी टायर की ताकत और
टिकाऊपन को बताती है।
12.
Treadwear 220 / Traction A / Temperature B
- ये तीन बातें टायर की क्वालिटी
बताती हैं:
- Treadwear 220:
जितना बड़ा नंबर, उतना टिकाऊ टायर।
- Traction A:
टायर ब्रेकिंग के समय कितना पकड़ बनाए रखता है (A = अच्छा, AA = सबसे अच्छा)
- Temperature B:
टायर ज़्यादा गर्मी में कैसे काम करता है (A सबसे अच्छा, फिर B, फिर C)
🔚 निष्कर्ष:
अगर आप इस टायर को देखें और ऊपर की
सारी बातें समझ लें, तो आप खुद तय कर सकते
हैं कि यह टायर आपकी गाड़ी और रास्ते के लिए सही है या नहीं।
"95 – Load Index / Max Load
Rating ये कैसे निकाला?"
चलिए,
इसे समझते हैं।
🔢 Load Index (लोड इंडेक्स) क्या है?
- यह एक संख्या (जैसे: 95) होती है, जो यह बताती है कि टायर कितना वज़न
उठा सकता है।
- लेकिन यह सीधा वजन नहीं बताता —
इसे एक चार्ट (तालिका) से देखना पड़ता है।
📊 Load Index Chart (महत्वपूर्ण भाग)
Load
Index |
वज़न
(kg) |
80 |
450 kg |
85 |
515 kg |
90 |
600 kg |
95 |
690 kg |
100 |
800 kg |
105 |
925 kg |
110 |
1060 kg |
🟢 तो जब टायर
पर लिखा है 95, इसका मतलब यह टायर 690 किलो तक का भार उठा सकता है।
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एक गाड़ी के लिए कुल लोड कैसे पता करें?
अगर आपकी गाड़ी के चारों टायरों पर 95 Load Index
है:
✅ तो कुल भार = 690 kg × 4 = 2760 kg
(यानि टायर कुल इतना वजन उठा सकते हैं — जिसमें कार का वज़न + लोग +
सामान शामिल है)
🤔
अब सवाल: "95 कैसे निकाला?"
यह टायर निर्माता (Tyre Manufacturer) तय करता है जब वह यह देखता
है कि टायर की बनावट कितनी मजबूत है, उसमें कितनी परतें हैं
(ply rating), और वह कितना वज़न सह सकता है।
📌 ध्यान दें:
- लोड इंडेक्स जितना ज्यादा, टायर उतना ज्यादा वजन संभाल सकता है।
- हमेशा गाड़ी की manual book
में दिए गए लोड इंडेक्स से कम वाला टायर न लगवाएं।
यह चार्ट किसके द्वारा बनाया जाता है अगर हम एक टायर खरीदते है एक
आम नागरिक तो उसे कैसे पता चलेगा कि कितना लेाड यह सह सकता है टायर
बहुत शानदार
समझते हैं:
🏛️ Load Index Chart कौन बनाता है?
👉 यह चार्ट अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार
किया जाता है, और इसका पालन दुनिया की लगभग सभी टायर
कंपनियाँ करती हैं।
मुख्य
संगठन जो इसे मान्यता देते हैं:
1.
ETRTO
(European Tyre and Rim Technical Organisation)
2.
ISO
(International Organization for Standardization)
3.
TRA (Tire
and Rim Association - U.S.A.)
यह संगठन टायर की सुरक्षा, ढाँचा, और भार
क्षमता के नियम बनाते हैं।
🧍♂️ एक आम नागरिक को Load Index कैसे पता चले?
जब आप एक टायर खरीदते हैं, तो आपको ये करना चाहिए:
✅
1. टायर के साइड वॉल (बगल) पर लिखा देखें
उदाहरण:
P215/65R15 95H
यहाँ:
- 95 = Load
Index
- H =
Speed Rating
✅
2. Load Index चार्ट देखें
अब आप ऊपर बताए गए चार्ट (या दुकानदार
से) देखकर समझ सकते हैं कि:
95 का मतलब – यह टायर 690
किलो वजन सह सकता है।
📌 प्रैक्टिकल तरीका – आम आदमी के लिए
जब
आप टायर खरीदने जाएँ:
🟢 दुकानदार
से पूछें:
“भाई साहब, इसका Load Index क्या है?”
“यह मेरी गाड़ी के हिसाब से ठीक है या नहीं?”
🟢 या आप टायर
पर लिखा यह देख सकते हैं:
91, 95, 100, 104 वगैरह
🟢 फिर आप गूगल
या चार्ट की मदद से देख सकते हैं कि ये कितना वजन सहते हैं।
⚠️
चेतावनी:
- अगर आपने ऐसा टायर ले लिया जिसकी
Load Capacity आपकी
गाड़ी से कम है —
तो गाड़ी असंतुलित, असुरक्षित, और जल्दी टायर फटने का खतरा हो सकता है।
🔍 BONUS: Load Index और वज़न की एक Mini
Table
Load
Index |
Max
Weight |
88 |
560 kg |
91 |
615 kg |
94 |
670 kg |
95 |
690 kg |
98 |
750 kg |
100 |
800 kg |
एक आम भारतीय नागरिक को
अपनी गाड़ी के लिए टायर खरीदते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बहुत सुंदर प्रश्न!
🚗 टायर खरीदते समय ध्यान रखने वाली 10 महत्वपूर्ण बातें
🔹 1. गाड़ी के लिए सही साइज (Tyre Size) चुनें
- साइज कुछ ऐसा लिखा होगा: P215/65R15
- इसे गाड़ी की Owner’s Manual
या पुराने टायर के साइड में देखकर मैच करें।
- गलत साइज गाड़ी की बैलेंसिंग और
माइलेज खराब कर सकता है।
🔹 2. लोड इंडेक्स (Load Index) जरूर जांचें
- यह बताता है कि टायर कितना वजन
उठा सकता है।
- उदाहरण: 95 = 690 kg प्रति टायर
- कभी भी गाड़ी से कम Load Index वाला टायर मत खरीदें।
🔹 3. स्पीड रेटिंग (Speed Rating) देखें
- अक्षर जैसे: S, T, H, V आदि।
- यह बताता है कि टायर कितनी
अधिकतम स्पीड पर सुरक्षित है।
- आम भारतीय गाड़ियों के लिए H (210 km/h) या T (190 km/h) ठीक रहता है।
🔹 4. टायर का मैन्युफैक्चरिंग डेट (Manufacturing
Date) देखें
- DOT नंबर के आखिर के 4 अंक देखें:
- जैसे: DOT 2819 → 28वां हफ्ता, 2019
- 3 साल से पुराने टायर न लें
(चाहे नए दिखें)।
🔹 5. ब्रांडेड और विश्वसनीय कंपनी का टायर खरीदें
- Michelin, MRF, Bridgestone, Apollo, JK Tyre जैसे ब्रांड ज्यादा भरोसेमंद हैं।
- लोकल सस्ते टायर से दूरी रखें।
🔹 6. ट्यूबलेस vs ट्यूब
टायर
- आजकल अधिकतर गाड़ियाँ ट्यूबलेस
टायर ही इस्तेमाल करती हैं।
- ट्यूबलेस ज्यादा सुरक्षित और कम
पंक्चरप्रवण होते हैं।
🔹 7. टायर की ट्रेड डेप्थ (Tread Depth) जांचें
- नया टायर कम से कम 7-8 mm
गहराई का होता है।
- 1.6 mm से कम होने पर टायर बदल देना चाहिए।
🔹 8. वारंटी और बिल लें
- खरीदते समय पूछें:
"इस पर कितने किलोमीटर या साल की वारंटी है?"
- और बिल लेना न भूलें ताकि
भविष्य में क्लेम किया जा सके।
🔹 9. मूल्य तुलना (Price Comparison) करें
- एक ही टायर कई दुकानों पर अलग
रेट का मिल सकता है।
- ऑनलाइन साइट (जैसे: tyredekho, tyremarket, flipkart) पर भी
दाम चेक करें।
🔹 10. फिटमेंट और व्हील बैलेंसिंग
- नया टायर लगाने के बाद:
- Wheel Balancing
और Alignment जरूर कराएं।
- इससे गाड़ी की स्टेयरिंग और
टायर की लाइफ बढ़ेगी।
🧠
विशेष सुझाव:
- हर 5-6 साल में टायर बदल देना चाहिए, चाहे कम चले हों।
- हमेशा 5वाँ टायर (Spare Tyre) भी ठीक हालत में रखें।
✅
निष्कर्ष (Summary):
चीज़ |
क्यों
ज़रूरी है? |
साइज |
फिटिंग और संतुलन के लिए |
Load Index |
वजन उठाने की क्षमता |
Speed Rating |
स्पीड के अनुसार सुरक्षा |
कंपनी |
विश्वसनीयता और गुणवत्ता |
मैन्युफैक्चरिंग डेट |
पुराना टायर न लें |
ट्यूबलेस |
ज्यादा बेहतर सुरक्षा |
ट्रेड डेप्थ |
बारिश में फिसलन से बचाव |
बिल और वारंटी |
भविष्य में क्लेम के लिए |
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