एक दुकान पर सामान लेने जाता था
आज के ब्लॉग में आज आपकों एक ऐसे अनुभव को शेयर करने जा रहा हूँ जिससे आपको बहुत कुछ सीखनें को मिलेगा। आज से पांच से पहले जब मैं काम पर आया था तो मुझे एक दुकान पर सामान लेने जाता था। मुझे भी उस दुकान के मालिक के बारें में कुछ पता नहीं था।
मैं सहारपुर में एक वर्कशॉप में काम करता हूँ यहां ऑटोमोबाइल अर्थात कार का काम होता है यह मारूति से आथोराइजेशन लिए हुए है तो ज्यादातर गाड़ियां पर मारूति की ही आती है। उस समय में काम के लिए काफी परेशान था तो काफी जगह ट्राई किया लेकिन कोई अच्छे पैसा नहीं देता था तो कोई काम ज्यादा बताकर तेरे बस का काम नहंी है इस प्रकार कहता था।
तो बहुत ट्राई करने के पश्चात एक वर्कशाप में काम मिला तो यहां के मालिक ने मुझे शर्त पर रखा कि यहां तुम कंप्यूटर का काम और बाजार से सामान साथ ही बिल तैयार करना, गाडियां का जॉब कार्ड खोलना, सभी बिल को कंप्यूटर का एक्सेल में इसका रिकार्ड रखना, सभी सर्विस की गाड़ियों का एक्सेल में रिकार्ड रखना, सभी सर्विस के फोन कस्टमर को करना, मैसेज करना, किसी भी गाड़ी का सामान ना होने पर बाजार से सामान लेकर आना साईकिल पर।
ये सभी शर्त पूरा करने के बाद ही मुझे केवल 8500 रूपये की मेहनताना पर रखा गया। देखा दोस्तों कैसे खून पीते है मालिक लोग और इसके अलावा भी कस्टमर की बातें सुनना कस्टमर को हैंडल करना बहुत सारी समस्याएं होती है। अगर इनमें से एक भी काम को मना करता हूँ तो काम नहीं मिलेगा।
ऐसी यहां की शर्ते है तो मुझे मजबूरन काम की जरूरत थी तो मैने हां कह दी। चलों देखा जाएगा जितने दिन काम चलेगा करेगे। मुझे उन दिनों पैसे की बहुत ही ज्यादा जरूरत थी। तो मैने हां कह दी। सो इस प्रकार दोस्तों इन शर्ताे पर आज भी में यहां काम कर रहा हूँ।
दुकान से सामान लाना
जिस दुकान से दोस्तों मैं सामान लाया करता था उस दुकान का मालिक बहुत ही बदतमीज और बहुत ही गाली गलौच करने वाला मतलबी इंसान था। बेवजह ही हमारे जैसे काम करने वालों को गाली देता रहता था।
दोस्तों आज मैं जो अनुभव आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ वह यह है कि उसने मुझे भी कई बार गाली दी पर मेरी आत्मा से यही दुआ निकलती थी कि तू साले जल्दी मर जाए।
मैं एक अपने खुदा के अलावा किसी और को नहीं मानता हूँ बस वो ही प्रथम पुरूष एक भगवान जिसने सबकों बनाया है जिससे सारा जगत विद्यमान है प्रकाश में है जगत बना है वही मेरा भगवान है मै उससे ही अपने सुख-दुख को शेयर करता हूँ।
उससे ही कहा भगवान मेरी जान बचा इससे मैने बस यही कहा कि हे प्रभु अगर ये साला कभी बीमार हो जाए ना तो दुबारा यहां लौटकर ना आए अपने पास बुला लेना इस हरामजादे को इससे दबाह है सारा शहर बहुत मेरे जैसे लोग परेशान है। इतना ही बदतमीज जिसे अपने पैसे पर बहुत ही ज्यादा घमंड है। और दोस्तों आज वहीं हुआ साला बीमार हुआ और खुदा कल उसे अपने पास बुला लिया था।
काफी दिनों से बीमार चल रहा था। ऐसे किसी को कहना तो चाहिए पर मेरी आत्मा उस प्रश्न ने इतनी दुखी कि मेरा रोम रोम परेशान होकर उसके लिए बअदुआ ही निकालता था। आज वह इस दुनिया में नहीं है उसकी एक औलाद जो आगे पता नहीं क्या करेगी।
उसका सारा पैसा उसके ऊपर लग गया सारा पैसा बीमारी में निकल गया। और बची उसकी यह दुकान उसका क्या होगा पता नहीं। तो दोस्तों में तो यही कहूगां कि किसी वजह से किसी गरीब का मजाक और किसी कि लाचारी का फायदा ना उठा मेरे दोस्त नहीं तो ऊपर वाला जब लाठी मारता है ना तो आवाज नहंी होती और ऐसी कड़ी सजा देता है खुदा के बंदे को परेशान करना किसी वजह के बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ती है वो खुदा सुनता जरूर है और सामने वाले को आगाह भी करता है पर
दोस्तों अगर वह समय रहते अपने गुनाह कुबुल नहीं करता है तो फिर वह खुदा उसे नरक की ऐसी भट्टी मेे झोकता है जिससे निकलना मुश्किल ही नहीं नामुकिन ही होता है क्योंकि जब तक उस खुदा की मर्जी ना होगी आप कुछ नही कर सकतें । तो दोस्तों यह था मेरा जीवन का अनुभव।
निष्कर्ष
दोस्तो कभी किसी भी बंदे का दिल मत दुखाना अपनी जिंदगी में बस यहीं है इसकी सीख।
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आज मै अपने जीवन का कीमती ब्लॉगलिख रहा हूँ।
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