Google Search Console
Google Search Console से लिया गया है, जिसमें एक URL के इंडेक्सिंग स्टेटस की जानकारी दी
गई है।
मुख्य शब्द: "Indexing Allowed"
इसका अर्थ है कि Google को इस पेज को इंडेक्स
करने की अनुमति है। यदि इस URL के अन्य सभी आवश्यक मानदंड
पूरे होते हैं, तो इसे Google के सर्च
रिजल्ट्स में शामिल किया जा सकता है।
अन्य विवरण:
- Crawled as:
URL को "Google Inspection Tool smartphone" से क्रॉल किया गया है।
- Crawl Allowed?:
हां, Googlebot को इस पेज को क्रॉल करने
की अनुमति है।
- Page Fetch:
सफल रहा, मतलब कि Googlebot इस पेज को सही से एक्सेस कर सका।
- User-declared canonical: साइट द्वारा चुना गया कैनोनिकल URL,
जो यह संकेत देता है कि यह पेज मुख्य पेज है जिसे Google
सर्च इंजन में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
अगर आपका URL इंडेक्स नहीं हो रहा है, तो आपको उन "certain conditions" को पूरा
करना होगा जो Google ने इंडेक्सिंग के लिए निर्धारित किए
हैं।
Googlebot किस तरह काम करता
है।
Googlebot एक वेब
क्रॉलर (web crawler) या स्पाइडर है, जिसका
उपयोग Google इंटरनेट पर नई और अपडेटेड वेब पेजों की खोज,
क्रॉलिंग, और इंडेक्सिंग के लिए करता है। इसका
उद्देश्य वेब पेजों की जानकारी इकट्ठा करना और Google के
सर्च इंजन में उन्हें शामिल करना है ताकि लोग इन्हें खोज सकें। यहां Googlebot
के काम करने का तरीका सरल भाषा में समझाया गया है:
1
1. क्रॉलिंग (Crawling)
- क्या होता है: सबसे पहले, Googlebot इंटरनेट पर मौजूद विभिन्न वेब पेजों का पता लगाता है। यह उन URL
का अनुसरण करता है, जिन्हें Google
के सर्च इंडेक्स में शामिल किया जा सकता है।
- कैसे करता है: Googlebot एक पेज से दूसरे पेज पर लिंक
के माध्यम से यात्रा करता है। यह वेबसाइटों के नए पेज, पुराने
पेजों में बदलाव और हटाए गए पेजों का पता लगाता है।
- स्रोत: इसे नए पेजों के बारे में पता लगाने के
लिए साइटमैप (sitemap) और पेज के भीतर के लिंक जैसे
स्रोतों का उपयोग करता है।
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2. फेचिंग (Fetching)
- क्या होता है: जब Googlebot किसी
पेज का पता लगा लेता है, तो वह उस पेज को डाउनलोड करता
है और उसकी सामग्री (जैसे टेक्स्ट, इमेजेस, लिंक) को फेच करता है।
- कैसे करता है: यह पेज के HTML कोड
को पढ़ता है और पेज की सभी जानकारी को संग्रहीत करता है। इसके लिए Googlebot
विभिन्न डिवाइसेस (जैसे मोबाइल और डेस्कटॉप) का उपयोग करके पेज
को क्रॉल करता है ताकि पेज को दोनों में कैसे प्रदर्शित किया जाएगा, यह समझ सके।
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3. इंडेक्सिंग (Indexing)
- क्या होता है: जब पेज क्रॉल हो जाता है, तो Googlebot पेज की जानकारी को Google के इंडेक्स में जोड़ता है। यह स्टेप सर्च रिजल्ट्स में उस पेज को प्रदर्शित
करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- कैसे करता है: Googlebot पेज की सामग्री का विश्लेषण
करता है, जैसे कि कीवर्ड्स, मेटा
टैग्स, इमेजेस, वीडियो, और अन्य तत्व। इसके बाद, यह तय करता है कि इस
पेज को किस सर्च क्वेरी के लिए दिखाना उपयुक्त है।
4
4. रैंकिंग (Ranking)
- Googlebot खुद रैंकिंग नहीं करता है,
लेकिन इंडेक्स में जोड़ी गई सामग्री को Google का सर्च एल्गोरिदम रैंक करता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है
कि उपयोगकर्ता के सवाल का सबसे अच्छा उत्तर सबसे पहले दिखाया जाए।
5
कुछ
अन्य महत्वपूर्ण बातें:
- Robots.txt:
Googlebot हर पेज को क्रॉल नहीं करता। यह वेबसाइट के
robots.txt फाइल में दिए गए निर्देशों का पालन करता है। अगर
किसी पेज को robots.txt में ब्लॉक किया गया है, तो Googlebot उसे क्रॉल नहीं करता।
- कैनोनिकल टैग्स: यह टैग Googlebot को
बताता है कि किस पेज को प्राथमिकता देनी चाहिए यदि कई पेज समान सामग्री रखते
हैं।
- क्रॉल बजट: Googlebot प्रत्येक वेबसाइट के लिए एक
क्रॉल बजट निर्धारित करता है, यानी कि एक समय में कितने
पेजों को क्रॉल करना है। बड़ी वेबसाइटों में क्रॉल बजट ज्यादा हो सकता है।
इस प्रकार, Googlebot एक निश्चित प्रक्रिया का पालन करता
है ताकि नई वेबसाइटों और पेजों को ढूंढ कर उन्हें इंडेक्स में शामिल कर सके और
उपयोगकर्ताओं को बेहतर सर्च परिणाम प्रदान कर सके।
crawel kya hota hai
ठीक है,
मैं इसे एक आसान उदाहरण से समझाने की कोशिश करता हूँ।
मान लीजिए कि आपके पास एक छोटा सा
रोबोट है जिसे आप किसी बड़े पुस्तकालय में भेजते हैं। इस पुस्तकालय में ढेर सारी
किताबें रखी हैं, और आपका रोबोट उन सभी
किताबों की जानकारी इकट्ठा करने का काम करता है।
अब समझते हैं क्रॉलिंग को:
- आपका रोबोट हर अलमारी के पास
जाता है, वहाँ रखी
किताबें देखता है, और किताबों के नाम और कुछ खास बातें
(जैसे कौन सी किताब किस विषय पर है) नोट कर लेता है। फिर वह दूसरी अलमारी के
पास जाता है, और फिर से यही काम करता है।
- यह काम करते-करते रोबोट
धीरे-धीरे पूरे पुस्तकालय की जानकारी इकट्ठा कर लेता है।
इसी तरह, इंटरनेट पर भी बहुत सारी वेबसाइट्स होती हैं।
Google का रोबोट (जिसे Googlebot
कहा जाता है) वेबसाइट्स पर जाकर हर पेज की जानकारी इकट्ठा करता है।
जैसे आपका रोबोट किताबों की जानकारी इकट्ठा कर रहा था, वैसे
ही Googlebot वेबसाइट की जानकारी इकट्ठा करता है। इसे ही
"क्रॉलिंग" कहा जाता है।
तो सरल शब्दों में:
- क्रॉलिंग = इंटरनेट पर एक-एक वेबसाइट पर जाकर
जानकारी इकट्ठा करना, जैसे कि एक रोबोट पूरे पुस्तकालय
में जाकर हर किताब की जानकारी नोट कर रहा हो।
इससे Google
को पता चलता है कि कौन सी वेबसाइट किस बारे में है, और फिर वह जानकारी अपने सर्च इंजन में जोड़ देता है ताकि जब कोई व्यक्ति
कुछ खोजे, तो उसे सही जानकारी मिल सके।
हमें
किस तरह पता चलेगा कि गूगल बॉट हमारी वेबसाइट पर काम कर रहा है या नहीं
यह जानने के लिए कि Googlebot आपकी वेबसाइट पर आ रहा है या नहीं,
आप कुछ तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
6
1. Google
Search Console का उपयोग करें
- Google Search Console
एक फ्री टूल है जो आपकी वेबसाइट की परफॉर्मेंस और Googlebot
एक्टिविटी को मॉनिटर करने में मदद करता है।
- इसमें लॉगिन करें और अपनी
वेबसाइट को जोड़ें।
- Crawl Stats
सेक्शन में जाकर आप देख सकते हैं कि Googlebot ने हाल ही में आपकी वेबसाइट को कितनी बार क्रॉल किया है, किन पेजों को क्रॉल किया गया है, और किस दिन
किया गया है।
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2. सर्वर लॉग्स की जाँच करें
- आपकी वेबसाइट का सर्वर एक
रिकॉर्ड रखता है कि कौन-कौन आपकी वेबसाइट पर आ रहा है। इसे "सर्वर
लॉग" कहते हैं।
- आप अपने सर्वर लॉग्स में देख
सकते हैं कि क्या कोई विजिटर "Googlebot"
नाम से आ रहा है।
- Googlebot का यूज़र-एजेंट नाम आमतौर पर कुछ
इस तरह दिखता है:
Mozilla/5.0 (compatible;
Googlebot/2.1; +http://www.google.com/bot.html)
- यदि आपके सर्वर लॉग्स में ऐसा
कोई यूज़र-एजेंट दिखाई दे रहा है,
तो इसका मतलब है कि Googlebot ने आपकी
वेबसाइट को क्रॉल किया है।
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3. URL
Inspection Tool का उपयोग करें (Google Search Console में)
- Google Search Console में "URL
Inspection Tool" का उपयोग करके आप किसी विशेष पेज की
जांच कर सकते हैं।
- इस टूल से आप देख सकते हैं कि Googlebot ने उस पेज को कब क्रॉल किया था
और क्या इंडेक्स किया गया है या नहीं।
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4.
Robots.txt Tester का उपयोग करें
- यदि आपने वेबसाइट पर robots.txt फाइल बनाई है, तो Googlebot के लिए एक्सेस नियम निर्धारित किए
होंगे।
- Google Search Console में "robots.txt
Tester" टूल का उपयोग करके चेक कर सकते हैं कि आपकी साइट
पर Googlebot का एक्सेस ब्लॉक तो नहीं हो रहा है।
10 5. कंसोल लॉग्स में Googlebot का ट्रैफिक देखना
- कई वेबसाइट एनालिटिक्स टूल (जैसे
Google Analytics) में Googlebot का ट्रैफिक नहीं दिखता, क्योंकि यह एक उपयोगकर्ता नहीं है, बल्कि एक
बॉट है। लेकिन आप कुछ एक्सटर्नल टूल्स या सर्वर लॉग्स के जरिए बॉट ट्रैफिक को
मॉनिटर कर सकते हैं।
इन सभी तरीकों से आप यह पता कर सकते
हैं कि Googlebot आपकी वेबसाइट
पर आ रहा है या नहीं। यदि वह आ रहा है, तो इसका मतलब है कि
वह आपकी साइट की जानकारी इकट्ठा कर रहा है ताकि आपकी वेबसाइट सर्च रिजल्ट्स में
दिख सके।
सर्वर
लॉग्स check
karna bataye
सर्वर लॉग्स चेक करना एक उपयोगी तरीका
है यह जानने का कि कौन-कौन आपकी वेबसाइट पर विजिट कर रहा है, जिसमें Googlebot भी
शामिल होता है। सर्वर लॉग्स में सभी विज़िटर्स का रिकॉर्ड होता है, जैसे कि उनकी IP, यूज़र-एजेंट, विज़िट का समय, और कौन से पेज पर गए थे। यहां सर्वर
लॉग्स चेक करने के लिए कुछ सरल स्टेप्स दिए गए हैं:
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1. होस्टिंग अकाउंट में लॉगिन करें
- सबसे पहले, अपनी वेबसाइट के होस्टिंग अकाउंट में
लॉगिन करें।
- आमतौर पर, अधिकतर वेबसाइटें होस्टिंग कंट्रोल पैनल
(जैसे cPanel या Plesk) का उपयोग
करती हैं।
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2. फ़ाइल मैनेजर में जाएं
- होस्टिंग कंट्रोल पैनल में लॉग
इन करने के बाद, "File Manager" या "फ़ाइल प्रबंधक" का ऑप्शन ढूंढें।
- यह आपको आपकी वेबसाइट की सभी
फाइल्स और फोल्डर्स का एक्सेस देता है।
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3. लॉग फाइल्स ढूंढें
- अधिकतर होस्टिंग सर्विसेज में
"Logs" या
"Log Files" नाम का एक फोल्डर होता है।
- इसके अंदर आपको सर्वर लॉग्स
फाइलें मिलेंगी। कुछ सामान्य नाम इस तरह हो सकते हैं:
- access.log
- error.log
- apache.log (Apache सर्वर पर)
- nginx.log (Nginx सर्वर पर)
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4. लॉग फाइल खोलें
- access.log या error.log फाइल को खोलें। इसे आप "View" या
"Download" करके देख सकते हैं।
- यह फाइल एक टेक्स्ट फाइल होगी, जिसमें हर विज़िट का रिकॉर्ड होता है।
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5. Googlebot
का पता लगाना
- लॉग फाइल में Googlebot का पता लगाने के लिए,
"Googlebot" कीवर्ड सर्च करें।
- Googlebot का यूज़र-एजेंट नाम इस तरह का
होता है:
Mozilla/5.0 (compatible;
Googlebot/2.1; +http://www.google.com/bot.html)
- यदि आपको लॉग फाइल में ऐसा
यूज़र-एजेंट दिखाई दे, तो इसका मतलब है
कि Googlebot ने आपकी वेबसाइट पर विज़िट किया है।
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6. लॉग्स में जानकारी को समझना
- एक लॉग एंट्री कुछ इस तरह दिख
सकती है:
66.249.66.1 - - [14/Nov/2024:10:30:25 +0000] "GET
/index.html HTTP/1.1" 200 2326 "-" "Mozilla/5.0 (compatible; Googlebot/2.1;
+http://www.google.com/bot.html)"
- इस एंट्री में:
- IP Address:
66.249.66.1 – Googlebot का IP एड्रेस।
- Date and Time:
[14/Nov/2024:10:30:25 +0000] – विज़िट का दिन और समय।
- Page Requested:
/index.html – वह पेज जो Googlebot ने
एक्सेस किया।
- Status Code:
200 – यह दिखाता है कि पेज सही से एक्सेस किया गया।
- User-Agent:
"Mozilla/5.0 (compatible; Googlebot/2.1;
+http://www.google.com/bot.html)" – Googlebot का
यूज़र-एजेंट।
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7. IP की पुष्टि (वैकल्पिक)
- आप Googlebot के IP एड्रेस
को चेक कर सकते हैं कि क्या वह वास्तव में Google का
है। इसके लिए, आप nslookup कमांड
का उपयोग कर सकते हैं:
nslookup 66.249.66.1
- यदि IP वास्तव में Google के सर्वर से है, तो उसका डोमेन आमतौर पर googlebot.com
या google.com से संबंधित होगा।
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अतिरिक्त
जानकारी
- होस्टिंग सपोर्ट से मदद लें: अगर आप खुद से सर्वर लॉग्स चेक नहीं कर पा
रहे हैं, तो अपनी होस्टिंग सपोर्ट टीम से मदद मांग सकते
हैं। वे आपको लॉग फाइल्स तक पहुंचाने में मदद करेंगे।
इस तरह,
सर्वर लॉग्स चेक करके आप पता लगा सकते हैं कि Googlebot आपकी वेबसाइट पर कब और कैसे आ रहा है।
मैने
अपने ब्लागर पर एक ब्लाग लिखा फिर उसको सर्च कन्सोल में जाकर रिक्वेस्ट की इसके
बाद कौन कौन से चरण और है जो कि आर्टिकल गूगल सर्च में आ जाता है। सर्च कन्सोल के
बाद के चरण बताओं
आपने अपने ब्लॉग को Google Search Console में सबमिट किया है,
जो एक महत्वपूर्ण कदम है। अब आगे के चरणों से आप यह सुनिश्चित कर
सकते हैं कि आपका आर्टिकल Google सर्च में अच्छे से इंडेक्स
हो जाए और सर्च रिजल्ट्स में जल्दी से दिखाई दे। यहां Search Console के बाद के चरणों की जानकारी दी गई है:
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1. कंटेंट क्वालिटी सुधारें
- सुनिश्चित करें कि आपका कंटेंट
उच्च गुणवत्ता का और यूजर के लिए उपयोगी है। गूगल ऐसे कंटेंट को प्राथमिकता
देता है, जो यूजर्स के
सवालों का अच्छा उत्तर दे सके।
- अपने आर्टिकल में स्पष्ट, संक्षिप्त और जानकारीपूर्ण भाषा का
प्रयोग करें।
- आर्टिकल का टॉपिक अच्छी तरह से
कवर करें ताकि यूजर्स को आपकी पोस्ट में पूरी जानकारी मिल सके।
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2. SEO ऑप्टिमाइजेशन (On-Page SEO)
- कीवर्ड का सही उपयोग: आर्टिकल में मुख्य कीवर्ड को उचित जगहों
पर शामिल करें, जैसे कि टाइटल, हेडिंग्स,
मेटा डिस्क्रिप्शन, और पहले पैराग्राफ
में।
- मेटा डिस्क्रिप्शन: आपके आर्टिकल का मेटा डिस्क्रिप्शन
संक्षेप में आर्टिकल की जानकारी देता है। यह Google को
आपके पेज का विषय समझने में मदद करता है और यूजर्स को क्लिक करने के लिए
आकर्षित करता है।
- हेडिंग्स (H1, H2, H3):
अपने आर्टिकल में हेडिंग्स का सही तरीके से इस्तेमाल करें ताकि
कंटेंट संरचित रहे और Google को यह समझने में मदद मिले
कि आर्टिकल में कौन-कौन से महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं।
- Alt Text:
यदि आपने ब्लॉग पोस्ट में इमेजेस का उपयोग किया है, तो इमेज के Alt Text में कीवर्ड जोड़ें ताकि Googlebot
इमेज को भी समझ सके।
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3. इंटरनल लिंकिंग और बैकलिंकिंग
- इंटरनल लिंकिंग: अपने ब्लॉग के अन्य आर्टिकल्स का लिंक इस
नए आर्टिकल में जोड़ें, ताकि Googlebot को आपकी वेबसाइट की संरचना को समझने में मदद मिल सके। इससे आपकी साइट
की क्रॉलिंग बेहतर हो जाती है।
- बैकलिंक्स: अन्य वेबसाइट्स पर अपने आर्टिकल का लिंक
प्राप्त करें। अगर आपके आर्टिकल का लिंक अच्छी वेबसाइट्स पर है, तो इससे Google में आपकी रैंकिंग में सुधार
होता है।
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4. सोशल मीडिया पर प्रमोट करें
- अपने आर्टिकल का लिंक सोशल
मीडिया प्लेटफॉर्म्स (जैसे Facebook,
Twitter, LinkedIn) पर शेयर करें। इससे आपकी पोस्ट पर ट्रैफिक
बढ़ता है और Google को संकेत मिलता है कि आपका आर्टिकल
लोकप्रिय है।
- सोशल मीडिया पर ट्रैफिक आना Google को यह बताता है कि कंटेंट यूजर्स के
लिए उपयोगी है।
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5. Google
Search Console में "URL Inspection Tool" का उपयोग करें
- आपने आर्टिकल सबमिट किया है, लेकिन आप "URL Inspection
Tool" का उपयोग करके यह चेक कर सकते हैं कि Googlebot
ने पेज को क्रॉल किया है या नहीं।
- यदि नहीं, तो आप "Request
Indexing" का ऑप्शन इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि Googlebot
पेज को जल्दी से क्रॉल और इंडेक्स कर सके।
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6. क्रॉल स्टेटस और कवरेज रिपोर्ट की जाँच करें
- Google Search Console में "Coverage"
रिपोर्ट में जाएं और देखें कि क्या आपके पेज में कोई एरर तो
नहीं है। अगर कोई एरर है, तो उसे ठीक करें ताकि Googlebot
उसे आसानी से क्रॉल कर सके।
- यह भी सुनिश्चित करें कि "Indexed, not submitted in sitemap" जैसा
कोई स्टेटस नहीं आ रहा हो। अगर आता है, तो साइटमैप में
उस पेज को जोड़ें और फिर से सबमिट करें।
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7. पेज लोडिंग स्पीड और मोबाइल फ्रेंडली टेस्ट करें
- पेज स्पीड: आपका आर्टिकल तेज़ी से लोड होना चाहिए।
अगर पेज लोडिंग स्पीड कम होगी, तो Google आपकी रैंकिंग को कम कर सकता है। Google PageSpeed Insights का उपयोग करके अपनी साइट की स्पीड चेक करें।
- मोबाइल फ्रेंडली टेस्ट: Google मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट्स को
प्राथमिकता देता है। Google Search Console में "Mobile
Usability" सेक्शन में जाकर चेक करें कि आपकी वेबसाइट
मोबाइल फ्रेंडली है या नहीं।
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8. यूजर का इंगेजमेंट ट्रैक करें
- आर्टिकल पोस्ट करने के बाद, Google Analytics में जाकर ट्रैक करें कि
यूजर्स आपके आर्टिकल को कैसे इंटरैक्ट कर रहे हैं। अधिक समय बिताने वाले
यूजर्स और कम बाउंस रेट वाला आर्टिकल Google को संकेत
देता है कि यह क्वालिटी कंटेंट है।
27
9. नियमित अपडेट करें
- समय-समय पर आर्टिकल में नई
जानकारी जोड़ते रहें ताकि आपका कंटेंट ताजा और अपडेटेड रहे। Google ताजा कंटेंट को अधिक प्राथमिकता
देता है।
इन सभी चरणों को फॉलो करने के बाद, आपका आर्टिकल गूगल में इंडेक्स होने और
रैंकिंग में सुधार पाने के लिए पूरी तरह से तैयार होगा। याद रखें, यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया हो सकती है, और Google
के इंडेक्सिंग और रैंकिंग में समय लग सकता है।
RSS
Feed Update क्या होता है।
RSS Feed Update एक
तरीका होता है, जिससे आपको किसी वेबसाइट या ब्लॉग की नई
जानकारी या कंटेंट के बारे में तुरंत सूचित किया जाता है। RSS का पूरा नाम है Really Simple Syndication।
जब कोई वेबसाइट या ब्लॉग नई पोस्ट करता है, तो उसकी जानकारी RSS
Feed के माध्यम से एक अपडेट के रूप में उपलब्ध कराई जाती है।
यह प्रक्रिया इस तरह काम करती है:
1.
RSS Feed: वेबसाइट या ब्लॉग अपने कंटेंट को एक विशेष
फ़ाइल के रूप में पेश करती है, जिसे RSS Feed कहते हैं। इसमें वेबसाइट पर जो भी नई जानकारी (जैसे आर्टिकल्स, न्यूज़, पोस्ट्स आदि) होती है, वह होती है।
2. RSS Reader:
आप इसे एक ऐप या प्रोग्राम (जैसे Feedly, NewsBlur आदि) में जोड़ सकते हैं, जिसे RSS Reader कहते हैं। यह Reader हर बार नई जानकारी आने पर आपको
नोटिफिकेशन भेजता है।
3. Automatic Updates:
RSS Feed की मदद से आपको किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग को बार-बार चेक
करने की जरूरत नहीं होती। जैसे ही नया कंटेंट पोस्ट होता है, आपको इसका अपडेट मिल जाता है।
इससे समय की बचत होती है और आप एक ही
जगह से कई वेबसाइट्स या ब्लॉग्स के अपडेट्स आसानी से देख सकते हैं।
ब्लॉगर
पर यह कैसे काम करता है और हम अपने ब्लॉग पर इसे कैसे चेक कर सकते है।
ब्लॉगर पर RSS Feed अपडेट कैसे काम करता है, यह जानने के लिए समझते हैं:
281. ब्लॉगर पर RSS Feed कैसे
काम करता है?
ब्लॉगर (Blogger) एक प्लेटफॉर्म है, जहाँ आप अपना ब्लॉग बना सकते हैं। जब आप कोई नया पोस्ट पब्लिश करते हैं,
तो उसका RSS Feed अपने आप अपडेट हो जाता है।
इसका मतलब है कि आपके ब्लॉग के नए पोस्ट को RSS Feed के जरिए
लोग आसानी से देख सकते हैं।
जब लोग आपके ब्लॉग को RSS Reader (जैसे Feedly) में
सब्सक्राइब करते हैं, तो उन्हें आपके ब्लॉग के नए पोस्ट का
तुरंत नोटिफिकेशन मिल जाता है, बिना उन्हें आपके ब्लॉग पर
जाना पड़े।
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2. ब्लॉगर पर RSS Feed चेक कैसे करें?
अगर आप अपने ब्लॉग का RSS Feed चेक करना चाहते हैं, तो यह आसान है। निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करें:
1.
RSS Feed URL
पता करें:
o
ब्लॉगर
में, आपके ब्लॉग का RSS
Feed URL इस प्रकार होगा
https://yourblogname.blogspot.com/feeds/posts/default
1.
o
बस
"yourblogname" को
अपने ब्लॉग के नाम से बदलें।
2. RSS Feed में बदलाव:
o
जब
भी आप नया पोस्ट करेंगे, तो वह RSS
Feed में ऑटोमेटिक अपडेट हो जाएगा।
o
अगर
आप अपने ब्लॉग पर सब्सक्राइबर्स को आमंत्रित करना चाहते हैं, तो आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पर RSS
Feed का लिंक लगा सकते हैं।
3. RSS Feed को ब्लॉग पर जोड़ना:
o
आप
अपने ब्लॉग के साइडबार पर RSS Feed लिंक जोड़
सकते हैं।
o
इसके
लिए ब्लॉगर डैशबोर्ड में जाएं,
फिर Layout में Add a Gadget
पर क्लिक करें।
o
RSS गेजेट चुनें, और फिर अपने
ब्लॉग के RSS Feed URL को दर्ज करें।
4. RSS Feed टेस्ट करें:
o
जब
आपने RSS Feed URL डाला हो,
तो इसे अपने ब्राउज़र में पेस्ट करें। आपके ब्लॉग के सभी पोस्ट वहां
दिखने लगेंगे, और आप देख पाएंगे कि Feed सही से काम कर रहा है या नहीं।
30
3. RSS Feed के बारे में अन्य बातें:
- आप FeedBurner
जैसे टूल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जो
आपको आपके RSS Feed के बारे में विस्तृत जानकारी और
सब्सक्राइबर्स की संख्या दिखाता है।
- अगर आप चाहें, तो आप अपने ब्लॉग के लिए कस्टम RSS
Feed बना सकते हैं, ताकि आप ज्यादा
कस्टमाइजेशन कर सकें।
इस तरह,
आपके ब्लॉग पर RSS Feed काम करता है और आपके
पाठक आसानी से आपके नए पोस्ट के बारे में अपडेट पा सकते हैं।
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