आज हालात इतने बद से बदतर
आज दोस्तों 05 अक्टूबर 2024 है बात है आज सुबह की मेरे चाचाजी आते है जो कि अतरगढ़ गाँव के रहने वाले है पहले हम भी वही पर रहा करते थे। पापा की सर्विस की वजह से हम अब दूसरे गांव में रहने लगें है। माता-पिता तो दोनांे गुजर चुके है हम तीन भा है। एक बहन है।
आज सुबह वह आए और कहने लगे कि भाई चलों जमीन का कुछ कर लो। उसके बाद में काम पर आ गया। दोस्तो आज मैं एक प्राइवेट जाँब करता हूँ पर मजा नही आता पूरा दिन एक पागल की तरह इधर-उधर घूमना फिर अंत वही 200-300 रूपये देते है और महीना पूरा होने पर सैलरी देरी से दी जाती है डेढ़ महीने में एक गरीब व्यक्ति को सैलरी दी जाती है। अब आप कहेगें की सैलरी नहीं है नाम है सैलरी 10,000 हजार रूपये कोई सैलरी होती है क्या? आजकल के बच्चे एक दिन में इससे ज्यादा उड़ा देते है। तो दोस्तों! सैलरी नहीं मजदूरी भी नहीं एक मजदूर आज 600 रूपये लेता है और शाम को काम खत्म करते ही अपना कैश लेता है। तो दोस्तों हम तो पढ़-लिखकर भी एक अनपढ़ का मुकाबला नहीं कर सकते है।
आज हालात इतने बद से बदतर हो चुके है कि कुछ कह नहीं सकते है। दोस्तों एक दिन ऐसा आएगा कि लोग एक-दूसरे को देखते ही मार देगें। इतनी भूखमरी और हालात खराब को देखकर तो ऐसा ही लगता है मजे राजनेता कर रहे है लोगों के रोजगार छीन रहंे है। रोटी भी छीन ली। राशनकार्ड भी उनके घरों में मिलेगें जिन्हें किसी चीज की कमी नहीं है। जो बेचारा मीडियम क्लास का है वह ना तो किसी गरीब में आता है और ना न ही किसी अमीरी मे गिना जाता है दोनों तरफ पिसता रह जाता है करें तो करे क्या।
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