नमस्कार दोस्तों
मेरी जिंदगी की सच्ची कहानी में आपका एक बार फिर स्वागत है। 23 अप्रैल 2024 को मंगलवार था। और 24 अप्रैल 2024 को दिन बुधवार था।
आइए आज मैं आपको बताता हूँ कि इन दो दिनों में मैने क्या किया?
बात करते है मंगलवार की यानि 23 अप्रैल 2024 की।
इस दिन मंगलवार को मुझे अपने गांव अतरगढ जाना था मेरे पास चिट्टी आई हुई थी। शादी में आम़ि़त्रत होने के लिए।
मंगलवार को मैं अतरगढ़ गया। मेरी मंगलवार की छुट्टी भी रहती है और मैं सहारनपुर एक छोटी सी वर्कशाप में काम करता हूँ तो मंगलवार को पूरा शहर बंद रहता है बस कपड़े की दुकाने इस दिन खुलती है।
तो अपनी बात पर आते है दोस्तों कभी-कभी मेरे दिमाग में दूसरी तरह की बाते आती है तो वो भी में आपके साथ शेयर कर रहा हूँ तो आप बोर नही होओगे।
तो मेरा छोटा भाई सगाई में नही गया केवल में मेरे बच्चे और घरवाली सगाई में गये थे। और छोटे भाई की बीवी और बच्चे गये थे।
उनको मे ही छोड़कर आया था गांव में।
सो हम इस प्रकार सगाई में पहुंच जाते है। मेरी एक छोटी बहन है सो वह भी सगाई मे गई थी।
सगाई में पहुंचने से पहले मेरे दो चक्कर लगे थे मोटर साईकिल पर । क्योकि वह पिलखनी गांव से अतरगढ़ कम से कम 3 किमीं की दूरी पर है सो मुझे ही वहां जाना था तो मैने ही उनको दो चक्कर लगाकर छोड़ा।
चलिए। अब बात करते है कि सगाई में क्या क्या बना था।
जो बिरादरी की दावत होती है उसमें थी दाल चावल, कढ़ी चावल, पूरी, रायता, नान, मिठाई में थे सफेद रसगुल्ले इसके अलावा छोले थे मिक्स सब्जी थी।
ये तो थी खाने की बाते
अब बात करते है कि लड़के वालों को क्या क्या मिला सगाई में लड़की वालों की तरफ से ।
लड़के को मिली ब्रिजा कार जिसमें दोनों ने हाफ-हाफ शेयर कर खरीदी।
एक तरह से गांव वालों को दिखाने के लिए।
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