दोस्तों आज मैं बहुत परेशान हूँ अन्दर से बिल्कुल टूट गया हूँ आज मेरे पास कोई इनकम का साधन नहीं है। आप सोचेगे ब्लॉग तो है लेकिन ब्लॉग पर भी इतना ट्रैफिक नहीं है कि मेरे घर का खर्च चल सके।
आज हर तरफ से रास्ता बंद हो चुका है लेकिन उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है।
कुछ दिनों पहले माता का निधन हो गया था। इस सदमें ने मेरी जान ले ली है। बिना माता-पिता के ये दुनिया वीरान सी नजर आती है।
बस पथराई सी आँखों से लोगों की तरफ देखता रहता हूँ कुछ मनचले हँसी मजाक भी बनाते है, पागल बताते है। Friends, today I am very upset, completely broken from within, today I do not have any source of income. You would think that there is a blog but there is not enough traffic on the blog to meet the expenses of my household.
Today the roads are closed from all sides but no ray of hope is visible.
Mother had passed away a few days ago. This trauma has taken my life. Without parents this world looks deserted.
I just keep looking at people with stoney eyes; some mischievous people even make fun of me and call me crazy.
दिमाग ने काम करना बंद कर दिया है। दिमाग मानो जाम सा हो गया है। चिंता इस कदर घर कर गई है कि जैसे मेरी मौत अभी आ गयी हो।
पिताजी रेलवे में थे। पिताजी रेलवे से रिटायर थे। पेंशन से घर का खर्चा चलने लगा था। फिर पिताजी की एक रेल एक्सींटेंड में मौत हो गयी। अब पेंशन माता के नाम आ चुकी थी। आधी भी हो चुकी थी। लेकिन घर का खर्च तो ज्यों का त्यों था।
The brain has stopped working. It seems as if the brain has become jammed. The anxiety has set in so much that it seems as if my death has just arrived.
Father was in railways. Father was retired from Railways. The household expenses were covered by the pension. Then father died in a railway accident. Now the pension had come in mother's name. It was already half past. But the household expenses remained the same.
मैं एक प्राइवेट जॉब करता हूँ मेरी तनख्वाह नौ हजार रूपये है और मेरी शादी हो चुकी है। पोस्ट ग्रेजुएशन किया है अंग्रेजी मे। लेकिन कोई सरकारी नौकरी नहीं लगी। ये नहंी की मेहनत नहीं की। कम्पीटीशन की तैयारी आज तक कर रहा हूँ लेकिन कभी 2 नंबर से कभी पाइंट 25 से रह जाता हूँ तो कभी किसी कारण से अब घर की आर्थिक स्थिति भी इतनी खराब हो चुकी है कि एक वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होती है।
I do a private job, my salary is nine thousand rupees and I am married. Have done post graduation in English. But no government job was available. It's not that you didn't work hard. Till today I am preparing for the competition, but sometimes I remain behind from 2nd mark, sometimes from 25th mark and sometimes due to some reason, the financial condition of the house has become so bad that I am not able to get even one meal.
दोस्तों कब मेरा यह ब्लॉग पर ट्रैफिक आएगा। न जाने कब तक मै आगे जिंदा रहा पाउगां।
एक-एक पल अब बहुत मुश्किल से गुजर रहा है।
जिंदगी में बिन पैसे के भी दुनिया हसीन नहीं लगती व्यक्ति के पास इतना पैसा तो हो ही अपना गुजारा आराम से कर सकें। लेकिन इतना भी ना हो तो क्या करें।
जिंदगी न जाने काटने को दौड़ती है।
Friends, when will my blog get traffic? Don't know how long I will be able to stay alive.
Every moment is becoming very difficult now.
The world does not look beautiful even without money. A person must have enough money to live comfortably. But what to do if even this is not enough?
Life rushes to bite without knowing.
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