बैट्री के ऊपर रखें बॉक्स पर रिले 01 और रिले 02 क्या होता है।
बैट्री
के ऊपर जो बॉक्स होता है, उसमें रिले 01 और रिले 02
जैसे
उपकरण लगाए जाते हैं। रिले एक तरह के छोटे इलेक्ट्रॉनिक स्विच होते हैं। ये स्विच
किसी सिग्नल के आने पर बंद या चालू हो जाते हैं और इसी के जरिए बड़े-बड़े उपकरण या
सिस्टम को कंट्रोल किया जा सकता है।
अब
एक छोटे बच्चे की तरह समझें, मान लीजिए कि एक छोटा सा खिलौना है जिसे
चलाने के लिए एक बटन दबाना होता है। अगर आप वह बटन दबाएँगे तो खिलौना चलने लगेगा।
रिले भी उसी बटन की तरह काम करता है।
लेकिन
फर्क यह है कि रिले को चलाने के लिए हमें बटन नहीं दबाना पड़ता, बल्कि
उसे इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल मिलता है, जिससे वह ऑन या ऑफ होता है।
तो
रिले 01 और रिले 02, बैट्री के बॉक्स में ऐसे स्विच होते हैं,
जो
सिग्नल मिलते ही बंद या चालू हो जाते हैं और इसके जरिए बैट्री से जुड़े अलग-अलग
हिस्सों को कंट्रोल किया जा सकता है।
अल्टों गाड़ी में बैट्री के ऊपर रखें बॉक्स पर रिले 01 और रिले 02 क्या होता है।
अल्टो गाड़ी में बैटरी के ऊपर जो बॉक्स
होता है, उसमें रिले 01 और रिले 02 नाम
के दो छोटे इलेक्ट्रॉनिक स्विच होते हैं। ये स्विच किसी सिग्नल के आने पर अपने आप
चालू (ऑन) या बंद (ऑफ) हो जाते हैं और गाड़ी के अलग-अलग हिस्सों को कंट्रोल करते
हैं।
अब इसे आसान तरीके से समझें:
मान लीजिए कि आपके पास एक खिलौना कार है, जिसे चालू करने के लिए एक बटन दबाना
होता है। अगर वह बटन दबेगा, तो
कार चलेगी और अगर बटन छोड़ देंगे, तो
कार रुक जाएगी। अब रिले भी ऐसे ही बटन की तरह होते हैं, लेकिन इन बटनों को किसी इंसान के दबाने
की जरूरत नहीं होती। रिले को इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल मिलते हैं, जिससे वे अपने आप चालू या बंद हो जाते
हैं।
रिले 01 और रिले 02 का काम क्या है?
गाड़ी
में अलग-अलग चीज़ें होती हैं, जैसे
कि हेडलाइट्स, फैन, हॉर्न,
आदि। इन चीज़ों को समय पर चालू या बंद करने के लिए रिले का
इस्तेमाल किया जाता है। जैसे कि जब आपको गाड़ी की हेडलाइट्स जलानी हों, तो एक सिग्नल रिले को भेजा जाता है
जिससे वह हेडलाइट्स को चालू कर देता है। रिले 01
और रिले 02, अलग-अलग
चीजों को ऑन और ऑफ करने में मदद करते हैं।
तो,
आसान भाषा में कहें,
रिले 01 और
रिले 02 एक
तरह के अपने आप चलने वाले बटन हैं,
जो गाड़ी के अलग-अलग हिस्सों को कंट्रोल करते हैं।
Relay 01 kya control karta hai
अल्टो गाड़ी में रिले 01 आमतौर
पर किसी विशेष इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट को कंट्रोल करने के लिए होता है। कई बार यह फ्यूल पंप, फैन या हेडलाइट्स जैसी चीजों को कंट्रोल कर सकता है।
हर गाड़ी में रिले का काम थोड़ा अलग हो
सकता है, इसलिए
अल्टो गाड़ी में रिले 01 विशेष
रूप से किस चीज़ को कंट्रोल करता है,
यह गाड़ी के मॉडल और डिज़ाइन पर निर्भर करता है। आमतौर पर, अल्टो के कुछ मॉडल में फ्यूल पंप या फैन को नियंत्रित करने के लिए रिले 01 का इस्तेमाल किया जाता है।
Reley 02
अल्टो गाड़ी में रिले 02 भी
एक खास इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट को कंट्रोल करने के लिए होता है। आमतौर पर यह एसी कंप्रेसर, हीटर, या फिर हेडलाइट्स जैसे अन्य हिस्सों को नियंत्रित कर सकता
है।
हर गाड़ी के मॉडल में यह अलग हो सकता है, लेकिन सामान्यतः:
- अगर रिले 01
फ्यूल पंप या फैन को कंट्रोल करता
है, तो
रिले 02 अक्सर हेडलाइट्स, इग्निशन सिस्टम, या एसी के
लिए होता है।
इसके बारे में सटीक जानकारी गाड़ी के
यूजर मैनुअल में होती है, जिससे
आपको पता चलेगा कि अल्टो के आपके मॉडल में रिले 02
किसे कंट्रोल कर रहा है।
Relay 3 and Relay 4
अल्टो गाड़ी में रिले 03 और रिले 04 भी
अन्य इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट्स को कंट्रोल करने के लिए होते हैं। ये विभिन्न कार्यों
के लिए इस्तेमाल हो सकते हैं, जो
गाड़ी के मॉडल और उसके इलेक्ट्रिकल सिस्टम पर निर्भर करते हैं।
सामान्य तौर पर इनका उपयोग इस प्रकार
होता है:
- रिले 03: यह अक्सर इंजन
फैन, इग्निशन
सिस्टम, या फ्रंट
फॉग लाइट्स जैसे उपकरणों को नियंत्रित कर सकता है। यदि गाड़ी में
इंजन को ठंडा रखने के लिए फैन की आवश्यकता हो,
तो रिले 03 इसे चालू और बंद
कर सकता है।
- रिले 04: यह कई बार हीटर, वाइपर मोटर, या बैक
फॉग लाइट्स को नियंत्रित करने के लिए होता है। इसका काम जरूरत के
हिसाब से इन चीजों को ऑन और ऑफ करना है।
हालांकि,
हर मॉडल में इन रिले का काम थोड़ा अलग हो सकता है। अगर आपको
पक्का जानना है कि आपकी अल्टो गाड़ी में रिले 03
और रिले 04 किसके
लिए हैं, तो
गाड़ी के यूजर
मैनुअल में
या किसी मेकैनिक से सलाह लेना सबसे अच्छा रहेगा।
DIAG kya hai
DIAG शब्द का मतलब Diagnosis (डायग्नोसिस) होता है, जो गाड़ी के सिस्टम में मौजूद एक
फ़ंक्शन या फीचर को दर्शाता है। यह फीचर गाड़ी में मौजूद कंप्यूटर सिस्टम का
हिस्सा होता है और इसका काम है गाड़ी के विभिन्न हिस्सों और सेंसर की जांच करना, ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं कोई
खराबी या समस्या तो नहीं है।
गाड़ियों में DIAG फीचर का उपयोग मुख्य रूप से इस प्रकार
होता है:
- गलतियों का पता लगाना:
DIAG सिस्टम गाड़ी के इंजन, ट्रांसमिशन, ब्रेक्स, एयरबैग, और अन्य
महत्वपूर्ण हिस्सों में संभावित खराबियों को पहचानने में मदद करता है। अगर
किसी सेंसर या हिस्से में खराबी हो,
तो यह सिस्टम एक एरर
कोड या चेतावनी देता
है।
- ऑनबोर्ड डायग्नोस्टिक (OBD) सिस्टम: OBD पोर्ट के जरिए
गाड़ी में होने वाली समस्याओं को स्कैनर से पढ़ा जा सकता है। मेकैनिक इस
पोर्ट में स्कैनर लगाकर गाड़ी में मौजूद एरर कोड्स को देख सकते हैं और समस्या
का पता लगा सकते हैं।
- डैशबोर्ड पर चेतावनी संकेत: जब DIAG सिस्टम को किसी
समस्या का पता चलता है, तो वह ड्राइवर को सूचित करने के लिए डैशबोर्ड पर चेतावनी
लाइट (जैसे "Check Engine" लाइट) दिखाता है।
इस प्रकार, DIAG गाड़ी में होने वाली
छोटी से छोटी खराबी को पहले से ही पहचानने में मदद करता है, ताकि उसे समय रहते ठीक किया जा सके और
गाड़ी की परफॉरमेंस और सुरक्षा बरकरार रहे।
RES kya hai
RES का मतलब आमतौर पर गाड़ियों में Remote Engine Start (रिमोट इंजन स्टार्ट) होता है। यह एक ऐसा
फीचर है जो आपको गाड़ी की चाबी या रिमोट से ही इंजन को स्टार्ट करने की सुविधा
देता है, बिना
गाड़ी के अंदर बैठे।
RES के कुछ मुख्य फायदे इस प्रकार हैं:
- गाड़ी को पहले से गर्म करना या ठंडा करना: सर्दियों
में गाड़ी को पहले से ही गरम करने या गर्मियों में एसी ऑन करने के लिए रिमोट
से इंजन स्टार्ट कर सकते हैं,
ताकि जब आप गाड़ी में बैठें, तो तापमान आपके
लिए आरामदायक हो।
- सुरक्षा:
रिमोट से इंजन स्टार्ट करते समय
गाड़ी लॉक रहती है, जिससे
कोई भी गाड़ी के अंदर नहीं जा सकता। यह सुविधा बिना सुरक्षा के साथ समझौता
किए गाड़ी को पहले से चालू करने में सहायक होती है।
- सुविधा:
अगर आपको जल्दी में कहीं जाना है, तो आप गाड़ी को
पहले ही स्टार्ट कर सकते हैं,
जिससे आपका समय बचता है।
यह फीचर सभी गाड़ियों में नहीं होता, लेकिन आधुनिक गाड़ियों में यह सुविधा दी
जा रही है।
DIODE kya hai
डायोड (Diode) एक
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो मुख्य रूप से इलेक्ट्रिकल सर्किट में एक-तरफा स्विच की तरह काम करता है। इसका मतलब है कि यह
केवल एक
दिशा में करंट को
प्रवाहित (फ्लो) होने देता है और दूसरी दिशा में उसे रोकता है।
डायोड का काम एक तरह से ऐसे गेट की तरह
होता है, जो
केवल एक ओर से चीजों को अंदर जाने देता है और दूसरी ओर से उन्हें बाहर नहीं आने
देता।
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डायोड के मुख्य
कार्य:
- करंट को एक दिशा में बहने देना: यह करंट को केवल
एक दिशा में बहने देता है और दूसरी दिशा में करंट को रोकता है। इसलिए, यह करंट को
नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल होता है।
- वोल्टेज को सही करना (Rectification):
डायोड का एक महत्वपूर्ण उपयोग है
वोल्टेज को "रेक्टिफाइ" करना। इसे खासकर AC (अल्टरनेटिंग
करंट) को DC (डायरेक्ट
करंट) में बदलने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जैसे कि मोबाइल चार्जर में, जो AC करंट को DC करंट में बदलता
है।
- सर्किट सुरक्षा:
डायोड कई सर्किट में सुरक्षा के
लिए भी लगाया जाता है ताकि करंट की गलत दिशा में बहाव से सर्किट के अन्य
हिस्सों को नुकसान न पहुंचे।
- LED (लाइट एमिटिंग
डायोड): कुछ
डायोड रोशनी भी उत्पन्न करते हैं,
जिन्हें एलईडी कहते
हैं। ये खासतौर पर गाड़ियों की लाइट,
घरों में, इलेक्ट्रॉनिक
डिवाइसेज और स्क्रीन में इस्तेमाल होते हैं।
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सरल भाषा में समझें:
डायोड एक इलेक्ट्रॉनिक "गेट"
की तरह है जो करंट को केवल एक दिशा में जाने देता है। इसका काम इलेक्ट्रॉनिक
सर्किट्स को सुरक्षित रखना और AC को
DC में
बदलने में मदद करना है।
15A kya hai
15A में "15" का मतलब 15 ऐम्पियर
(Ampere) होता है। Ampere करंट की माप की एक इकाई है, जो यह बताती है कि उस सर्किट में कितनी
मात्रा में करंट प्रवाहित हो सकता है।
गाड़ियों या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों
में 15A का उपयोग अक्सर फ्यूज़ या सर्किट की क्षमता को दर्शाने के लिए किया जाता
है। यदि किसी सर्किट पर "15A" लिखा
है, तो
इसका मतलब है कि वह सर्किट
15 एम्पियर
तक का करंट संभाल
सकता है।
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15A का
महत्व:
- फ्यूज़ के रूप में:
अगर गाड़ी में 15A का फ्यूज़ है, तो इसका मतलब है
कि अगर करंट 15 एम्पियर
से ज्यादा हो जाता है, तो
फ्यूज़ जलकर सर्किट को बंद कर देगा। इससे गाड़ी के अन्य महत्वपूर्ण
इलेक्ट्रॉनिक हिस्से खराब होने से बच जाते हैं।
- सर्किट की सुरक्षा:
15A का सर्किट यह सुनिश्चित करता है कि
केवल 15 एम्पियर
तक का करंट उस सर्किट में प्रवाहित हो। इससे ओवरलोडिंग से बचाव होता है और
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सुरक्षित रहते हैं।
- कैपेसिटी का संकेत:
यह संख्या बताती है कि सर्किट या
उपकरण को कितनी ऊर्जा की जरूरत है या वह कितनी ऊर्जा सह सकता है।
आसान भाषा में कहें, तो 15A यह बताता है कि सर्किट 15 एम्पियर तक का करंट संभाल सकता है और
इससे ज्यादा होने पर सुरक्षा के लिए बंद हो जाएगा।
10A, 15A, 30A, 40A, 50A, 60A, 60A से क्या क्या चलता है।
एक गाड़ी या इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में 10A, 15A, 30A, 40A, 50A, और
60A जैसे फ्यूज़ या सर्किट ब्रेकर का
इस्तेमाल अलग-अलग चीज़ों को चालू रखने के लिए किया जाता है। आइए इसे आसान भाषा में
समझते हैं:
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आसान भाषा में करंट
और एम्पियर:
- हर उपकरण को चालू होने के लिए एक निश्चित मात्रा में
बिजली चाहिए होती है। यह बिजली
एम्पियर (Ampere)
में मापी जाती है।
- जैसे कि एक छोटे खिलौने को बहुत कम बिजली चाहिए होती है
और बड़े उपकरण जैसे एयर कंडीशनर को ज्यादा बिजली चाहिए होती है।
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इन फ्यूज़ से कौन-कौन
से उपकरण चलते हैं:
- 10A फ्यूज़:
- छोटे उपकरणों के लिए,
जैसे कि गाड़ी की लाइट्स, इंडिकेटर (जैसे टर्न
सिग्नल), और सिगरेट
लाइटर।
- इसे ज्यादा बिजली की जरूरत नहीं होती, तो 10A का फ्यूज़ ही
काफी होता है।
- 15A फ्यूज़:
- वाइपर मोटर,
रेडियो, या स्माल
मोटर्स जो
गाड़ी में पंखा या छोटे उपकरण चलाने में मदद करते हैं।
- ये उपकरण 15A
के फ्यूज़ से सुरक्षित रहते हैं।
- 30A फ्यूज़:
- गाड़ी के थोड़े बड़े उपकरण, जैसे हीटर या एयर
कंडीशनर का ब्लोअर।
- ये उपकरण ज्यादा बिजली खाते हैं, इसलिए 30A का फ्यूज़ लगता
है ताकि जरूरत से ज्यादा करंट आने पर सर्किट खराब न हो।
- 40A फ्यूज़:
- बड़े सिस्टम,
जैसे कि एयर कंडीशनर
कंप्रेसर, जो
एसी को ठंडा बनाता है।
- इसमें ज्यादा बिजली चाहिए होती है, तो 40A का फ्यूज़ लगता
है।
- 50A फ्यूज़:
- कभी-कभी
पावरफुल एसी सिस्टम, इलेक्ट्रिक
सीट्स, या विंडो
डिफ्रॉस्टर के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- ऐसे बड़े उपकरणों के लिए 50A
का फ्यूज़ चाहिए होता है ताकि वे
सही से काम कर सकें।
- 60A फ्यूज़:
- गाड़ी के सबसे बड़े उपकरण,
जैसे इलेक्ट्रिक
पावर स्टीयरिंग (EPS) या पावरफुल
ऑडियो सिस्टम।
- ये बहुत अधिक बिजली का उपयोग करते हैं, इसलिए 60A का फ्यूज़
लगाया जाता है।
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छोटे बच्चे की तरह
समझें:
मान लीजिए, आपको घर में अलग-अलग खिलौने चलाने हैं।
छोटे खिलौने को कम बैटरी चाहिए होती है,
जबकि बड़े खिलौने को ज्यादा बैटरी। ऐसे ही, गाड़ी में छोटी चीजों को कम करंट (जैसे 10A, 15A) चाहिए होता है और
बड़ी चीजों को ज्यादा करंट (जैसे 40A,
50A, 60A) चाहिए होता है।
फ्यूज़ का काम यह सुनिश्चित करना है कि हर
उपकरण को जितनी बिजली चाहिए, उतनी
ही मिले। अगर बिजली ज्यादा हो जाए तो फ्यूज़ टूट जाता है, ताकि उपकरण खराब न हो।
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