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translation kya hai |
what is a translation?
ट्रांसलेशन का मतलब होता है एक भाषा से दूसरी भाषा में शब्द, वाक्य या लिखित कार्य का अनुवाद करना। ट्रांसलेशन का
उपयोग प्रत्येक भाषा में लिखे या बोले जाने वाले कार्य को दूसरी भाषा में अनुवादित करने के लिए किया जाता है ताकि लोग
अलग-अलग भाषाओं में समानार्थक अर्थ और ज्ञान प्राप्त कर सकें।
ट्रांसलेशन करते समय क्या-क्या सावधानी रखनी चाहिए ?
1. मूल लेख का मान समझें: जब आप किसी भी भाषा का अनुवाद कर रहे हों, तो उस भाषा में लिखे गए मूल लेख का मान ठीक से समझना बहुत जरूरी है। अनुवाद करते समय, समानार्थक शब्दों का उपयोग करने से परहेज करें ताकि मूल मान से भिन्न भावार्थन उत्पन्न हों।
2. वाक्य की संरचना का ध्यान रखें: वाक्य की संरचना को समझना अनुवाद करनेके लिए आवश्यक है। उस भाषा मेंवाक्य कैसे बनाए जाते हैं, उसे समझें और समान ढंग से अनुवाद करें।
3. संज्ञाओं का समझना: अनुवाद करते समय, संज्ञाओं का सही समझना बहुत महत्वपूर्ण होता है। संज्ञाओं के अर्थबदल जाने सेअनुवाद का मतलब बिगड़ सकता है।
4. विशेषण, क्रिया, कारक आदि का सही इस्तेमाल करें: विशेषण, क्रिया, कारक आदि का सही इस्तेमाल करना अनुवाद करते समय बहुत जरूरी होता है। इनका गलत इस्तेमाल अनुवाद को अस्पष्ट बना सकता है।
ट्रांसलेशन करते समय मुझे किन किन चीजों का ज्ञान होना चाहिए।
ट्रांसलेशन करते समय आपको निम्नलिखित चीजों का ज्ञान होना चाहिए:
दो भाषाओं का अच्छा ज्ञान: अनुवाद के लिए आपको दो भाषाओं का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। आपको न केवल दोनों भाषाओं के व्याकरण और व्याकरण के नियमों को जानना होगा, बल्कि भाषाओं के सामान्य वार्तालाप में भी अच्छी जानकारी होनी चाहिए।
समझौता: अनुवाद करते समय, आपको मूल लेखक या वार्ताकार से समझौता करने की जरूरत हो सकती है। अनुवाद में असुविधाएं और अनिश्चितता से बचने के लिए, आपको मूल लेखक को समझाना होगा कि आप क्या करने जा रहे हैं और अपने अनुवाद को कैसे सुधार सकते हैं।
विषय के बारे में जानकारी: अनुवाद करते समय, आपको उस विषय के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए जिसे आप अनुवाद कर रहे हैं। इससे आपको समझ में आएगा कि लेख में क्या है और इसे सही ढंग से अनुवाद करने में आसानी होगी।
अनुवाद में सबसे महत्वपूर्ण क्या है?
अनुवाद में सबसे महत्वपूर्ण बात समझते हुए और समझाते हुए बात को सटीकता से अनुवाद करना होता है। एक अच्छा अनुवादक यह सुनिश्चित करता है कि मूल टेक्स्ट का मतलब उसके अनुवाद में समान है और उसे लक्ष्य भाषा में सही रूप से व्यक्त किया गया है। इसके अलावा, उचित व्याकरण, शब्दावली, भाषा के नियमों का पालन भी महत्वपूर्ण है। समझदारी, उचित व्याकरण, और सटीकता से अनुवाद करने से एक अच्छे अनुवादक को सफल अनुवाद करने में मदद मिलती है।
अनुवाद के तरीके क्या हैं?
अनुवाद कितने प्रकार के होते हैं?
अनुवाद के कुछ मुख्य तरीके निम्नलिखित हैं:
मानव अनुवाद: इसमें एक व्यक्ति मूल भाषा के टेक्स्ट को लक्ष्य भाषा में अनुवाद करता है। यह तरीका सबसे पुराना है और आज भी बहुत उपयोग में है।
मशीन अनुवाद: इसमें कंप्यूटर या सॉफ्टवेयर मूल भाषा के टेक्स्ट को लक्ष्य भाषा में अनुवाद करता है। यह तरीका तेजी से अधिकांश टेक्स्ट को अनुवाद करने के लिए उपयुक्त है।
हाइब्रिड अनुवाद:
इसमें मानव अनुवाद और मशीन अनुवाद दोनों का उपयोग किया जाता है। इसके लिए पहले कंप्यूटर द्वारा अनुवाद कर दिया जाता है और फिर मानव अनुवादक द्वारा संशोधित किया जाता है।
समानार्थी अनुवाद: इसमें मूल टेक्स्ट के शब्दों के समानार्थी शब्दों का उपयोग किया जाता है। इसमें मतलब बनाने के लिए मानव अनुवादक द्वारा कुछ शब्दों के समानार्थी शब्दों का चयन किया जाता है।
अनुवाद की आठ विधियाँ कौन सी हैं?
अनुवाद की आठ प्रमुख विधियां निम्नलिखित हैं:
1.मैकेनिकल अनुवाद
2.आधारभूत मशीन अनुवाद
3.एआई-आधारित मशीन अनुवाद
4.समानार्थी अनुवाद
5.स्वतंत्र अनुवाद
6.समानार्थी स्थानांतरण
7.उत्पादन-उत्पाद अनुवाद
8.समानार्थी भाषा अनुवाद
ये अनुवाद विधियां विभिन्न स्तरों पर विभिन्न स्तरों पर उपयोग किए जाते हैं, जैसे कि मैकेनिकल अनुवाद के लिए ऑनलाइन अनुवाद सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है जबकि एआई-आधारित मशीन अनुवाद में मैशीन लर्निंग और न्यूरल नेटवर्क्स का उपयोग किया जाता है।
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