मूर के नियम का क्या महत्व है और इसने कंप्यूटर हार्डवेयर के विकास को कैसे प्रभावित किया है?
मूर के नियम का क्या महत्व |
मूर के नियम को अंग्रेजी में "Moore's Law" कहते हैं। यह नियम आधुनिक कंप्यूटर हार्डवेयर के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मूर के नियम का महत्व केवल हार्डवेयर विकास मेंही नहीं, बल्कि कंप्यूटर इंजीनियरिंग में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। मूर के नियम के अनुसार, एक चिप पर लगने वाले ट्रांजिस्टरों की संख्या हर 18-24 महीनों में दोगुना होती है। इसका मतलब है कि हर दो साल में, चिप के आकार नहीं बदलते हुए, उसमें लगे ट्रांजिस्टरों की संख्या दोगुनी होती है। इस नियम के फलस्वरूप, हमारे दिनों में कंप्यूटर हार्डवेयर इतनी तेजी से विकास कर रहा है कि आजकल हम अपने हाथ में पावरफुल कंप्यूटर्स रख सकते हैं जो कुछ साल पहले सिर्फ सर्वर और अन्य विशेष उद्देश्यों के लिए उपलब्ध थे। इसके अलावा, मूर के नियम ने नए उत्पादों और तकनीकों को विकसित करने के लिए नई संभावनाओं को उनकी विकास स्पीड बढ़ाने के लिए प्रेरित किया
डिजाइन और विकास की प्रक्रिया में, मूर के नियम ने कंप्यूटर संबंधी उत्पादों के विकास के लिए एक स्पष्ट मार्गदर्शक बनाया है। यह नियम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि हम कितने तेजी से प्रौद्योगिकी के उत्पादों का विकास कर सकते हैं। इससे उत्पादों का डिजाइन और विकास तेजी से होता है जो उन्हें अपनी समय सीमा में बेहतर बनाता है। मूर के नियम ने कंप्यूटर संबंधी उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए कंपनियों को दबाव बनाया है। उत्पादों के अधिक तेजी से विकास होने के कारण, उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ी है और उन्हें अधिक उपयोगी बनाने में मदद मिली है। इसके अलावा, मूर के नियम ने आधुनिक कंप्यूटर हार्डवेयर के अलावा नए तकनीकी उत्पादों के विकास को भी बढ़ावा दिया है, जैसे मोबाइल फोन, टैबलेट, स्मार्टवॉच आदि। इन उत्पादों के विकास में भी मूर के नियम ने अहम भूमिका निभाई है।
हां, मूर के नियम नेअहम भूमिका निभाई हैन केवल कंप्यूटर हार्डवेयर उत्पादों के विकास में, बल्कि नए तकनीकी उत्पादों के विकास मेंभी। आधुनिक दुनिया में, जहाँ मोबाइल फोन, टैबलेट, स्मार्टवॉच आदि जैसे उत्पादों की मांग बढ़ती जा रही है, मूर के नियम ने उनके विकास में अहम भूमिका निभाई है। इन उत्पादों के लिए उचित समय सीमा में उपलब्ध तकनीकी उन्नति के आधार पर, नए तकनीकी उत्पादों का विकास होता है। मूर के नियम के पालन से, इन उत्पादों के विकास में बेहतरीन समय व्यवस्था बनाई जा सकती हैजो इन्हेंअपनी समय सीमा में बेहतर बनाती है। उन्नत तकनीकों के आधार पर, ये उत्पाद अधिक उपयोगी, फंक्शनल और सुरक्षित होतेहैंजो उन्हें उपयोगकर्ताओं के लिए बेहतर बनाते हैं। इस तरह से, मूर के नियम ने उत्पादों के विकास में एक स्पष्ट मार्गदर्शक के रूप में अहम भूमिका निभाई है।
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