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हिंदी व्याकरण में क्या क्या आता है?

 

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हिंदी व्याकरण में क्या क्या आता है?


हिंदी व्याकरण में क्या क्या आता है?,hindi grammar me kya kya aata hai
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हिंदी व्याकरण में कई विषय होते हैं जैसे कि वचन, कारक, संज्ञा, सर्वनाम,

 क्रिया, विशेषण, काल, पुरुष और वाक्य

 निर्माण आदि। 

यहां कुछ उदाहरण दिए जाते हैं जो हिंदी व्याकरण से संबंधित हैं: 


1. संज्ञा - एक शब्द जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव का नाम बताता है,

 उसे संज्ञा कहते हैं। जैसे: घर, आदमी,

 पुस्तक, सुन्दरता, आसमान आदि।

 2. क्रिया - क्रिया किसी काम का बोध करती हैजो किसी व्यक्ति या वस्तुद्वारा

 किया जाता है। जैसे: खाना, पढ़ना,

 लिखना, उठना, चलना आदि। 

3. विशेषण - विशेषण किसी संज्ञा को विशेषता या गुण देता है। जैसे: सुंदर, 

लम्बा, तेज, मजबूत आदि। 

4. सर्वनाम - सर्वनाम किसी संज्ञा के स्थान पर आता है। इसका उपयोग

 शब्दों को दोहराने से बचाने के लिए किया

 जाता है। जैसे: वह, यह, उसने, उसका आदि।

 5. कारक - कारक क्रिया के साथ आते हैं और उनका काम क्रिया को विवरण

 देना होता है


हिन्दी व्याकरण के जनक कौन है?


हिंदी व्याकरण के जनक कई हैं। हिंदी व्याकरण की शुरुआत वेदों में

 मिलनेवाली व्याकरण संबंधी जानकारी से हुई

 थी। वेदों में व्याकरण के नियमों के विस्तृत विवेचन शिक्षापद प्रणाली के

 अंतर्गत किए जाते थे। भारतीय व्याकरण

 के विकास में पाणिनी का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। पाणिनी की एक

 पुस्तक 'अष्टाध्यायी' है जो संस्कृत व्याकरण

 पर आधारित है। अष्टाध्यायी में व्याकरण के नियमों का विस्तृत विवरण होता

 है जो हिंदी व्याकरण के नियमों का

 आधार बनते हैं। इसके अलावा भारतीय व्याकरण के अन्य महान विद्वानों में

 भारत मुनि, पतंजलि, भामह,

 शब्दकौशल के लेखक नागरीदास, वैयाकरण सिद्धान्त कौमुदी के लेखक

 भट्टोजी दीक्षित आदि हैं। इस प्रकार,

 पाणिनी और अन्य भारतीय विद्वानों ने हिंदी व्याकरण का विकास किया और

 इसके नियमों को समझाया



भाषा किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?


भाषा की परिभाषा भिन्न-भिन्न विद्वानों द्वारा दी गई है। लेकिन सामान्यतः,

 भाषा को आकार, अर्थ, ध्वनि और वाक्यों

 का संगठन माना जाता है। भाषा के द्वारा मनुष्य अपने विचारों, भावनाओं

 और ज्ञान को व्यक्त करता है और समाज

 में संचार करता है। भाषा के विभिन्न प्रकार होतेहैं, जिनमेंसेकुछ मुख्य हैं: 

1. मातृभाषा - यह वह भाषा होती हैजो बचपन सेबोली जाती है और जो हमारे लिए सबसे अधिक परिचित होती है। 

2. द्विभाषिक भाषा - इसमें व्यक्ति दो भाषाओं में संचार कर सकता है। 

3. बहुभाषिक भाषा - इसमें व्यक्ति तीन या तीन सेअधिक भाषाओं में संचार कर सकता है। 

4. विशेष भाषा - इसमें विशेष जगहों और विशेष समुदायों में उपयोग होनेवाली भाषाएं शामिल होती हैं। जैसे कि

 शास्त्रीय संस्कृत, वकीलों का उच्चारण आदि। इसके अलावा भाषा के अन्य

 प्रकार भी होते हैं जैसे कि सांख्यिकीय

 भाषा, कम्प्यूटर भाषा


सरल शब्दों में व्याकरण क्या है?


व्याकरण सरल शब्दों में यह बताया जाता है कि किस प्रकार से भाषा के

 वाक्यों को संरचित किया जाता है ताकि

 भाषा का सही अर्थ समझ में आ सके। यह भाषा का एक विशेष अध्ययन

 होता है जिसमें वाक्यों, शब्दों, वर्णों और

 उनके माध्यम से विविध विषयों को विश्लेषण किया जाता है। व्याकरण के

 मुख्य अंश हैं वर्ण, शब्द, वाक्य, संज्ञा,

 सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, काल, लिंग, वचन आदि। इन महत्वपूर्ण अंशों के

 माध्यम से हम भाषा के नियमों को

 समझते हैं और सही ढंग से वाक्य बनाते हैं। इससे हमें स्पष्टता और सही

 भाषा का उपयोग करने में मदद मिलती है


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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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