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गैसकेट (Gasket) और ओ-रिंग (O-Ring) के पार्ट नंबर

 

यह सूची विभिन्न प्रकार के गैसकेट (Gasket) और ओ-रिंग (O-Ring) के पार्ट नंबर और उनके विवरण को दर्शाती है। आइए प्रत्येक आइटम को विस्तार से समझते हैं:

1.      11141M75T00 - GASKET, CYLINDER HEAD

o    यह गैसकेट सिलेंडर हेड और इंजन ब्लॉक के बीच सीलिंग के लिए उपयोग होता है, जिससे कूलेंट और दहन गैसों का रिसाव न हो।

यह सूची विभिन्न प्रकार के गैसकेट (Gasket) और ओ-रिंग (O-Ring) के पार्ट नंबर और उनके विवरण को दर्शाती है। आइए प्रत्येक आइटम को विस्तार से समझते हैं:

1.      11141M75T00 - GASKET, CYLINDER HEAD

o    यह गैसकेट सिलेंडर हेड और इंजन ब्लॉक के बीच सीलिंग के लिए उपयोग होता है, जिससे कूलेंट और दहन गैसों का रिसाव न हो।

सिलेंडर हेड गैसकेट (Cylinder Head Gasket) का काम और महत्व

1. सिलेंडर हेड गैसकेट क्या है?
सिलेंडर हेड गैसकेट (Cylinder Head Gasket) एक सीलिंग कम्पोनेंट (sealing component) है, जो इंजन ब्लॉक (Engine Block) और सिलेंडर हेड (Cylinder Head) के बीच लगाया जाता है। यह इंजन के अंदर कूलेंट, इंजन ऑयल और दहन गैसों को अलग-अलग रखने और रिसाव रोकने में मदद करता है।


2.     यह कहां लगा होता है?
इंजन दो मुख्य हिस्सों में बंटा होता है:
इंजन ब्लॉक: इसमें सिलेंडर (जहां पिस्टन चलता है) और कूलेंट व ऑयल के मार्ग होते हैं।
सिलेंडर हेड: इसमें वाल्व, स्पार्क प्लग और कंबशन चैम्बर होते हैं।

कंबशन चैम्बर (Combustion Chamber) क्या होता है?

परिभाषा:
कंबशन चैम्बर (Combustion Chamber) वह स्थान होता है जहां ईंधन (Fuel) और हवा (Air) का मिश्रण जलता है और ऊर्जा उत्पन्न करता है, जिससे इंजन चलता है।


1. कंबशन चैम्बर का स्थान:

इंजन के अंदर सिलेंडर (Cylinder) में कंबशन चैम्बर होता है। यह सिलेंडर हेड और पिस्टन के बीच स्थित होता है। जब पिस्टन ऊपर आता है, तो यह ईंधन और हवा के मिश्रण को संपीड़ित (Compress) करता है, और फिर स्पार्क प्लग इसे जलाता है, जिससे विस्फोट (Explosion) होता है।


2. कंबशन चैम्बर का कार्य:

ईंधन को जलाकर ऊर्जा उत्पन्न करना:

  • जब स्पार्क प्लग में चिंगारी (Spark) उत्पन्न होती है, तो ईंधन और हवा का मिश्रण जलता है।
  • इससे गर्म गैसें बनती हैं, जो पिस्टन को नीचे धकेलती हैं, जिससे इंजन घूमता है।

इंजन की शक्ति और दक्षता बढ़ाना:

  • यदि कंबशन चैम्बर का डिज़ाइन सही होता है, तो ईंधन अधिक अच्छे से जलता है और बेहतर माइलेज और पावर मिलती है।

दहन गैसों को सही तरीके से निकालना:

  • जब ईंधन जल जाता है, तो गैसें निकलती हैं।
  • एग्जॉस्ट वाल्व इन्हें बाहर निकाल देता है, जिससे इंजन सुचारू रूप से चलता है।

3. कंबशन चैम्बर के प्रकार:

इंजन के डिज़ाइन के अनुसार, कंबशन चैम्बर के कई प्रकार होते हैं:

1️   हर्मीस्फेरिकल (Hemispherical) चैंबर:

  • इसे हेमी (Hemi) चैंबर भी कहते हैं।
  • यह आधे गोले के आकार का होता है और बेहतर पावर देता है।
  • आमतौर पर स्पोर्ट्स और हाई-परफॉर्मेंस कारों में उपयोग किया जाता है।

2️  पैंटाफायर (Pentroof) चैंबर:

  • यह ज़्यादा वॉल्व वाली कारों में उपयोग किया जाता है।
  • यह ईंधन को ज्यादा अच्छे से जलाने में मदद करता है।

3️   बाउल-इन-पिस्टन (Bowl-in-Piston) चैंबर:

  • यह डीजल इंजनों में अधिक उपयोग होता है।
  • इसमें पिस्टन के ऊपर एक गड्ढा (Bowl) होता है, जहां ईंधन जलता है।

4. कंबशन चैम्बर खराब हो जाए तो क्या होगा?

इंजन में कंपन (Vibration) बढ़ सकता हैक्योंकि दहन सही से नहीं हो रहा।
ईंधन की खपत (Fuel Consumption) बढ़ सकती हैक्योंकि पूरी तरह से जल नहीं रहा।
इंजन ओवरहीट हो सकता हैक्योंकि गलत दहन से अधिक गर्मी बनती है।
ब्लैक स्मोक (Black Smoke) आ सकता हैक्योंकि ईंधन अधूरा जल रहा है।


निष्कर्ष:

कंबशन चैम्बर इंजन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यही वह स्थान है जहां ऊर्जा उत्पन्न होती है। इसका डिज़ाइन और कार्यक्षमता इंजन की पावर, माइलेज और स्मूदनेस पर असर डालती है।

 

सिलेंडर हेड गैसकेट इन दोनों हिस्सों के बीच सीलिंग का काम करता है।


3. सिलेंडर हेड गैसकेट के काम:
🔹 कूलेंट को इंजन ऑयल से अलग रखना:

  • इंजन में कूलिंग सिस्टम होता है, जिसमें कूलेंट (Coolant) का प्रवाह होता है।
  • इंजन में ऑयल भी होता है, जो पिस्टन और अन्य हिस्सों को चिकना (lubricate) करता है।
  • सिलेंडर हेड गैसकेट यह सुनिश्चित करता है कि कूलेंट और ऑयल आपस में न मिलें

🔹 दहन गैसों को सील करना:

  • इंजन में ईंधन (Fuel) जलकर दहन गैसें बनती हैं, जो पिस्टन को ऊपर-नीचे धकेलती हैं।
  • सिलेंडर हेड गैसकेट यह सुनिश्चित करता है कि दहन गैसें बाहर न निकलें और पूरी ताकत पिस्टन को मिले।

🔹 इंजन का सही कंप्रेशन (Compression) बनाए रखना:

  • अगर सिलेंडर हेड गैसकेट खराब हो जाए तो इंजन में कंप्रेशन (compression) कम हो सकता है, जिससे इंजन की ताकत घट जाती है।

4. अगर सिलेंडर हेड गैसकेट खराब हो जाए तो क्या होगा?
इंजन ओवरहीट हो सकता हैक्योंकि कूलेंट का रिसाव होगा।
इंजन ऑयल और कूलेंट मिल सकते हैंजिससे इंजन डैमेज हो सकता है।
एक्सॉस्ट में सफेद धुआं (White Smoke) आ सकता हैक्योंकि कूलेंट जल सकता है।
इंजन पावर कम हो सकती हैक्योंकि दहन गैसें बाहर निकल सकती हैं।


निष्कर्ष

सिलेंडर हेड गैसकेट इंजन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह अलग-अलग तरल पदार्थों (कूलेंट, ऑयल) और दहन गैसों को एक-दूसरे से अलग रखता है और इंजन की परफॉर्मेंस बनाए रखता है। अगर यह खराब हो जाए, तो इंजन को गंभीर नुकसान हो सकता है।

मैनें समझा अगर हैंड गास्केट खराब हो जाती है या फट जाती है, तो कूलेंट और ऑयल दोनों मिल सकते है। इनको अलग अलग रखने के लिए ही हैड गास्केट का प्रयोग किया जाता है। यानि इंजन में इंजन ऑयल और कूलेंट ही घूमते है।

आपकी समझ बिल्कुल सही है!

इंजन में दो मुख्य तरल (Fluids) होते हैं:

1️  इंजन ऑयल (Engine Oil):

  • यह इंजन के मूविंग पार्ट्स (जैसे पिस्टन, क्रैंकशाफ्ट, कैम्पशाफ्ट) को चिकना (lubricate) करता है।
  • इससे घर्षण (friction) कम होता है और इंजन आसानी से चलता है।
  • यह गर्मी को भी कुछ हद तक कम करने में मदद करता है।

2️   कूलेंट (Coolant):

  • यह इंजन को ठंडा (cool) रखने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • जब इंजन गर्म हो जाता है, तो कूलेंट रेडिएटर के जरिए उसकी गर्मी को बाहर निकालता है।
  • इससे इंजन ओवरहीटिंग से बचता है।

सिलेंडर हेड गैसकेट का मुख्य काम:

इंजन ऑयल और कूलेंट को अलग-अलग रखना।
कंप्रेशन को बनाए रखना ताकि ईंधन सही से जले।
कूलेंट को लीक होने से रोकना।
इंजन ऑयल को जलने से बचाना।


अगर हेड गैसकेट फट जाए तो क्या होगा?

इंजन ऑयल और कूलेंट आपस में मिल सकते हैं।

  • अगर ये दोनों मिल गए, तो इंजन की परफॉर्मेंस खराब हो जाएगी।
  • इंजन ऑयल गाढ़ा और मिल्की व्हाइट (Milky White) हो सकता है, जिससे इंजन को नुकसान होगा।

इंजन ओवरहीट हो सकता है।

  • अगर कूलेंट लीक हो गया, तो इंजन गर्म होने लगेगा और खराब भी हो सकता है।

सफेद धुआं (White Smoke) निकल सकता है।

  • अगर कूलेंट सिलेंडर में चला गया, तो यह जलकर सफेद धुआं बना सकता है।

निष्कर्ष:

✔️ इंजन में केवल दो तरल पदार्थ (इंजन ऑयल और कूलेंट) घूमते हैं।
✔️ हेड गैसकेट इन दोनों को अलग रखने और इंजन को सील करने के लिए जरूरी है।
✔️ अगर हेड गैसकेट फट जाए, तो इंजन में बड़ा नुकसान हो सकता है।

🚗🔥

सिलेंडर (Cylinder) क्या होता है?

परिभाषा:
सिलेंडर (Cylinder) इंजन का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है, जहां पिस्टन (Piston) ऊपर-नीचे चलता है और ऊर्जा उत्पन्न करता है। इसे इंजन का हृदय (Heart of the Engine) भी कहा जाता है।


1. सिलेंडर की संरचना (Structure of Cylinder)

🔹 सिलेंडर मजबूत धातु (जैसे कास्ट आयरन या एल्युमिनियम) का बना होता है
🔹 इसके अंदर पिस्टन ऊपर-नीचे चलता है, जो इंजन के पावर स्ट्रोक को बनाता है।
🔹 सिलेंडर के चारों ओर कूलिंग सिस्टम (Coolant Passages) होता है, ताकि यह ज़्यादा गर्म न हो।


2. सिलेंडर का कार्य (Function of Cylinder)

ईंधन को जलाने की जगह (Combustion Chamber का हिस्सा)

  • सिलेंडर में ईंधन और हवा का मिश्रण संपीड़ित (Compress) किया जाता है और जलाया जाता है।
  • इससे गर्म गैसें बनती हैं, जो पिस्टन को नीचे धकेलती हैं और इंजन की शक्ति उत्पन्न होती है।

पिस्टन की गति को नियंत्रित करना

  • सिलेंडर के अंदर पिस्टन ऊपर-नीचे चलता है, जिससे इंजन सुचारू रूप से काम करता है।

ऊर्जा को यांत्रिक शक्ति (Mechanical Power) में बदलना

  • सिलेंडर के अंदर होने वाली दहन क्रिया (Combustion) से बनी गैसों की ऊर्जा को इंजन के घूमने की शक्ति (Rotational Power) में बदला जाता है।

3. सिलेंडर के प्रकार (Types of Cylinders in an Engine)

🔹 सिंगल सिलेंडर इंजन (Single Cylinder Engine)

  • इसमें केवल एक सिलेंडर होता है।
  • बाइक और छोटे जेनरेटर में इसका उपयोग किया जाता है।

🔹 मल्टी-सिलेंडर इंजन (Multi-Cylinder Engine)

  • इसमें एक से अधिक सिलेंडर होते हैं (जैसे 2, 3, 4, 6, 8, 12 सिलेंडर)।
  • कार, ट्रक, स्पोर्ट्स कार और बड़ी मशीनों में उपयोग होता है।

👉 सामान्य रूप से इस्तेमाल होने वाले इंजन:
2-सिलेंडर इंजन (टू व्हीलर और कुछ छोटे कार मॉडल)
3-सिलेंडर इंजन (छोटी कारों में अधिकतर उपयोग होता है)
4-सिलेंडर इंजन (सामान्य कारों में)
6-सिलेंडर इंजन (पावरफुल कारों में)
8-12 सिलेंडर इंजन (स्पोर्ट्स कार और हेवी ड्यूटी वाहन)


4. सिलेंडर खराब हो जाए तो क्या होगा?

इंजन का पावर कम हो सकता है।
इंजन ऑयल का लीकेज हो सकता है।
इंजन का कंप्रेशन (Compression) घट सकता है।
ब्लैक स्मोक (Black Smoke) या सफेद धुआं (White Smoke) आ सकता है।
इंजन ज़्यादा गर्म (Overheat) हो सकता है।


5. निष्कर्ष

✔️ सिलेंडर इंजन का मुख्य भाग होता है, जहां पिस्टन चलता है और ऊर्जा उत्पन्न होती है।
✔️ इसके बिना इंजन नहीं चल सकता, क्योंकि यहीं पर ईंधन जलता है और पावर बनती है।
✔️ ज्यादा सिलेंडर का मतलब ज्यादा पावर, लेकिन ज्यादा फ्यूल खपत।

 

 

कितने सिलेंडर की गाड़ी है यह कैसे पता करें। यानि अगर तीन स्पार्क प्लग तीन सिलेडर

बिल्कुल सही! अगर किसी गाड़ी में तीन स्पार्क प्लग हैं, तो उसमें तीन सिलेंडर (3-Cylinder Engine) होगा।


🚗 कितने सिलेंडर की गाड़ी है, यह कैसे पता करें?

👉 1. स्पार्क प्लग गिनकर (For Petrol Engines)

  • हर सिलेंडर में एक स्पार्क प्लग होता है।
  • अगर इंजन में 3 स्पार्क प्लग हैं, तो यह 3-सिलेंडर इंजन होगा।
  • अगर 4 स्पार्क प्लग हैं, तो 4-सिलेंडर इंजन होगा।

👉 2. इंजेक्टर की संख्या देखकर (For Diesel Engines)

  • डीजल इंजन में स्पार्क प्लग नहीं होते, बल्कि फ्यूल इंजेक्टर होते हैं।
  • जितने सिलेंडर होंगे, उतने ही फ्यूल इंजेक्टर होंगे।
  • अगर 4 फ्यूल इंजेक्टर हैं, तो 4-सिलेंडर इंजन होगा।

👉 3. इंजन नंबर या गाड़ी की स्पेसिफिकेशन से

  • गाड़ी के मैनुअल (Owner's Manual) में इंजन के सिलेंडर की संख्या दी होती है।
  • गाड़ी की आरसी (Registration Certificate) या इंजन पर भी यह लिखा हो सकता है।

👉 4. इंजन का साउंड और वाइब्रेशन देखकर

  • 3-सिलेंडर इंजन में हल्का वाइब्रेशन होता है, क्योंकि पावर बैलेंस कम होता है।
  • 4-सिलेंडर इंजन स्मूद चलता है और वाइब्रेशन कम होता है।

🚗 सिलेंडर की संख्या का गाड़ी पर असर

3-सिलेंडर इंजन

  • माइलेज ज्यादा, पावर कम
  • छोटे वाहन (Maruti Alto, Renault Kwid)

4-सिलेंडर इंजन

  • बैलेंस्ड पावर और माइलेज
  • आमतौर पर कारों में (Swift, Baleno, i20)

6 या ज्यादा सिलेंडर इंजन

  • ज्यादा पावर, हाई परफॉर्मेंस
  • SUV, लग्जरी और स्पोर्ट्स कार (Fortuner, BMW, Audi)

💡 निष्कर्ष

✔️ स्पार्क प्लग या फ्यूल इंजेक्टर गिनकर सिलेंडर की संख्या पता कर सकते हैं।
✔️ इंजन नंबर, गाड़ी के मैनुअल या आरसी में भी जानकारी होती है।
✔️ कम सिलेंडर वाली गाड़ियाँ माइलेज ज्यादा देती हैं, ज्यादा सिलेंडर वाली गाड़ियाँ पावरफुल होती हैं।

 

बस और ट्रक में कितने सिलेंडर होते हैं?

🚛 बस और ट्रक में आमतौर पर 4, 6 या 8 सिलेंडर वाले इंजन होते हैं।
✔️ छोटे ट्रक या मिनी बस – 4-सिलेंडर इंजन
✔️ मध्यम आकार के ट्रक/बस – 6-सिलेंडर इंजन
✔️ बड़े ट्रक या भारी वाहन – 6 से 8-सिलेंडर इंजन
✔️ बहुत बड़े ट्रक (जैसे वोल्वो, अशोक लीलैंड के हेवी ट्रक) – 12 सिलेंडर तक हो सकते हैं।


🚛 ट्रक और बस के सिलेंडर कैसे गिनें?

1. फ्यूल इंजेक्टर गिनकर (Diesel Engine के लिए)

  • हर सिलेंडर के लिए एक फ्यूल इंजेक्टर होता है।
  • अगर इंजन में 6 फ्यूल इंजेक्टर हैं, तो यह 6-सिलेंडर इंजन होगा।

2. एग्जॉस्ट पाइप की बनावट से

  • ज्यादा सिलेंडर वाले इंजन में एग्जॉस्ट पाइप का साइज बड़ा होता है।
  • बड़े ट्रकों में दो एग्जॉस्ट पाइप भी हो सकते हैं।

3. इंजन की जानकारी गाड़ी के मैनुअल या इंजन प्लेट पर देख सकते हैं।

  • इंजन पर एक मेटल प्लेट होती है, जिसमें इंजन का मॉडल और सिलेंडर की संख्या लिखी होती है।

4. गाड़ी के आरसी (Registration Certificate) में भी इंजन की जानकारी होती है।


🚛 ट्रक और बस में ज्यादा सिलेंडर क्यों होते हैं?

ज्यादा पावर और टॉर्क के लिएबड़े और भारी वाहनों को ज्यादा वजन खींचने के लिए अधिक टॉर्क चाहिए।
स्मूद ऑपरेशन के लिएज्यादा सिलेंडर वाला इंजन स्मूद चलता है और ज्यादा वाइब्रेशन नहीं करता।
अधिक दूरी के लिएट्रकों और बसों को लंबी यात्रा करनी होती है, इसलिए मजबूत इंजन की जरूरत होती है।


💡 निष्कर्ष

✔️ छोटे ट्रक/बस – 4-सिलेंडर इंजन
✔️ मध्यम ट्रक/बस – 6-सिलेंडर इंजन
✔️ बड़े ट्रक (हेवी ड्यूटी) – 6 से 8-सिलेंडर इंजन
✔️ बहुत भारी ट्रक – 12 सिलेंडर इंजन (जैसे वोल्वो ट्रक, कंटेनर ट्रक)

अब अगली बार जब आप किसी ट्रक या बस का इंजन देखें, तो आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि उसमें कितने सिलेंडर होंगे! 🚛🔥

बिल्कुल सही! ज़्यादातर बाइकों में एक ही स्पार्क प्लग होता है, क्योंकि उनमें सिंगल-सिलेंडर इंजन (Single Cylinder Engine) होता है।


🏍 बाइक में सिलेंडर और स्पार्क प्लग का संबंध

👉 सिंगल-सिलेंडर इंजन (Single Cylinder Engine)

  • ज़्यादातर बाइकों (Splendor, Pulsar 150, Activa) में एक ही सिलेंडर और एक ही स्पार्क प्लग होता है।
  • इसलिए 1 सिलेंडर = 1 स्पार्क प्लग

👉 ट्विन-सिलेंडर इंजन (Twin Cylinder Engine)

  • कुछ हाई-परफॉर्मेंस बाइकों (Kawasaki Ninja 300, Yamaha R3) में 2 सिलेंडर होते हैं और 2 स्पार्क प्लग होते हैं।

👉 फोर-सिलेंडर इंजन (Four Cylinder Engine)

  • स्पोर्ट्स बाइकों (Suzuki Hayabusa, Kawasaki Ninja ZX-10R) में 4 सिलेंडर होते हैं, इसलिए 4 स्पार्क प्लग होते हैं।

👉 कुछ बाइकों में 1 सिलेंडर पर 2 स्पार्क प्लग भी होते हैं

  • जैसे Bajaj Pulsar 220 में 1 सिलेंडर + 2 स्पार्क प्लग होते हैं। इसे DTS-i (Digital Twin Spark Ignition) टेक्नोलॉजी कहते हैं, जो माइलेज और परफॉर्मेंस को बेहतर बनाती है।

🏍 बाइक का इंजन कैसा पहचानें?

स्पार्क प्लग गिनें:

  • 1 स्पार्क प्लग = 1 सिलेंडर (सामान्य बाइक)
  • 2 स्पार्क प्लग = 1 या 2 सिलेंडर (जैसे Pulsar 220, Ninja 300)
  • 4 स्पार्क प्लग = 4-सिलेंडर स्पोर्ट्स बाइक (जैसे Hayabusa, ZX-10R)

इंजन के मैनुअल या इंजन ब्लॉक पर देख सकते हैं।


💡 निष्कर्ष

✔️ साधारण बाइकों में 1 सिलेंडर और 1 स्पार्क प्लग होता है।
✔️ हाई-परफॉर्मेंस बाइकों में ज्यादा सिलेंडर और ज्यादा स्पार्क प्लग होते हैं।
✔️ कुछ बाइकों में 1 सिलेंडर पर 2 स्पार्क प्लग भी होते हैं, जिससे परफॉर्मेंस बेहतर होती है।

CC (Cubic Centimeter) क्या होता है और इसे कैसे पता करें?

👉 CC का फुल फॉर्म: Cubic Centimeter (घन सेंटीमीटर)

🚀 CC इंजन की पावर और क्षमता को दर्शाता है।

  • यह बताता है कि इंजन के सिलेंडर के अंदर कितना वॉल्यूम (संदहन कक्ष का आकार) है।
  • जितना ज्यादा CC होगा, उतना ही ज्यादा फ्यूल और एयर मिक्स होकर जल सकेगा, जिससे इंजन ज्यादा पावरफुल होगा।

💡 CC कैसे पता करें?

1️  गाड़ी के डॉक्यूमेंट या इंजन पर देखें

गाड़ी की RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) पर इंजन CC लिखा होता है।
इंजन ब्लॉक पर भी CC लिखा होता है।
बाइक या कार की कंपनी की वेबसाइट या मैनुअल में भी CC दी होती है।

2️   इंजन CC का गणितीय फॉर्मूला (Cylinder Volume Calculation)

अगर इंजन का बोर (Bore) और स्ट्रोक (Stroke) पता हो, तो CC निकालने का फॉर्मूला:

CC=π4×(बोर)2×स्ट्रोक×सिलेंडरकीसंख्याCC = \frac{\pi}{4} \times (बोर)^2 \times स्ट्रोक \times सिलेंडर की संख्याCC=4π​×(बोर)2×स्ट्रोक×सिलेंडरकीसंख्या

जहाँ,

  • बोर (Bore): सिलेंडर का व्यास (diameter in mm)
  • स्ट्रोक (Stroke): पिस्टन का ऊपर-नीचे जाने का सफर (in mm)
  • सिलेंडर की संख्या: जितने सिलेंडर हैं उतने जोड़ें

अगर यह जानकारी हो, तो CC को कैलकुलेट किया जा सकता है।


🏍🚗 अलग-अलग गाड़ियों के CC के उदाहरण

वाहन

इंजन CC

प्रकार

Splendor Plus

97.2cc

माइलेज बाइक्स

Pulsar 150

149cc

नॉर्मल स्पोर्ट्स बाइक

Royal Enfield Classic 350

349cc

क्रूज़र बाइक

Hayabusa

1340cc

सुपरबाइक

Maruti Alto

796cc

छोटी कार

Swift

1197cc

मिड-लेवल कार

Scorpio

2184cc

SUV

Volvo Truck

12000cc (12 लीटर)

भारी वाहन


🔍 CC का असर क्या होता है?

कम CC वाली गाड़ियाँअच्छा माइलेज, लो मेंटेनेंस, लो स्पीड (Splendor, Activa)
ज्यादा CC वाली गाड़ियाँज्यादा पावर, स्पीड, कम माइलेज (Bullet, Hayabusa, Scorpio)


💡 निष्कर्ष

✔️ CC इंजन का साइज़ और क्षमता बताता है।
✔️ ज्यादा CC = ज्यादा पावर, कम माइलेज
✔️ कम CC = ज्यादा माइलेज, कम पावर
✔️ RC, इंजन ब्लॉक या कंपनी की वेबसाइट से CC पता कर सकते हैं।

इंजन किन-किन चीजों से मिलकर बना होता है?

🚗 इंजन एक जटिल मशीन है, जो कई हिस्सों से मिलकर बना होता है। इसे मुख्यतः दो भागों में बाँटा जा सकता है:
1️
स्टेशनरी (स्थिर) पार्ट्सजो हिलते नहीं हैं
2️
मूविंग (गतिशील) पार्ट्सजो चलते रहते हैं


🔧 1️ इंजन के मुख्य स्थिर (Stationary) पार्ट्स

(ये हिस्से इंजन को ढाँचा और सपोर्ट देते हैं)

पार्ट

कार्य

इंजन ब्लॉक (Engine Block)

इंजन का मुख्य ढांचा, जिसमें सिलेंडर और अन्य हिस्से होते हैं।

सिलेंडर (Cylinder)

पिस्टन इसमें ऊपर-नीचे चलता है और दहन (combustion) होता है।

सिलेंडर हेड (Cylinder Head)

सिलेंडर के ऊपर लगाया जाता है, इसमें वाल्व, स्पार्क प्लग (पेट्रोल इंजन) या इंजेक्टर (डीजल इंजन) होते हैं।

हेड गैसकेट (Head Gasket)

सिलेंडर हेड और इंजन ब्लॉक के बीच सीलिंग करता है ताकि ऑयल और कूलेंट न मिलें।

कम्बशन चेंबर (Combustion Chamber)

जहाँ ईंधन जलता है और ऊर्जा बनती है।

इनटेक मैनिफोल्ड (Intake Manifold)

हवा और फ्यूल को इंजन में ले जाने का रास्ता।

एग्जॉस्ट मैनिफोल्ड (Exhaust Manifold)

जलने के बाद बची हुई गैसों को बाहर निकालने का रास्ता।

ऑयल पैन (Oil Pan)

इंजन ऑयल को स्टोर करता है।


⚙️ 2️ इंजन के मुख्य गतिशील (Moving) पार्ट्स

(ये हिस्से इंजन में मूवमेंट और पावर जनरेट करने का काम करते हैं)

पार्ट

कार्य

पिस्टन (Piston)

सिलेंडर में ऊपर-नीचे चलता है और पावर जनरेट करता है।

पिस्टन रिंग (Piston Ring)

पिस्टन और सिलेंडर के बीच गैस को सील करता है और घर्षण कम करता है।

कनेक्टिंग रॉड (Connecting Rod)

पिस्टन को क्रैंकशाफ्ट से जोड़ता है और मूवमेंट ट्रांसफर करता है।

क्रैंकशाफ्ट (Crankshaft)

पिस्टन की लाइनर मूवमेंट को रोटेशनल मूवमेंट में बदलता है।

कैमशाफ्ट (Camshaft)

इंजन के वाल्व को खोलने और बंद करने का काम करता है।

वाल्व (Valves)

हवा-ईंधन को अंदर लाने (इनटेक वाल्व) और एग्जॉस्ट गैस बाहर निकालने (एग्जॉस्ट वाल्व) का काम करता है।

स्पार्क प्लग (Spark Plug) [पेट्रोल इंजन में]

पेट्रोल इंजन में फ्यूल को जलाने के लिए स्पार्क (चिंगारी) उत्पन्न करता है।

फ्यूल इंजेक्टर (Fuel Injector) [डीजल इंजन में]

डीजल इंजन में ईंधन को सिलेंडर में स्प्रे करता है।

फ्लाईव्हील (Flywheel)

इंजन को स्मूदली चलाने के लिए एनर्जी स्टोर करता है।


3️ सहायक (Auxiliary) पार्ट्स

(ये इंजन की कार्यक्षमता और कूलिंग को बनाए रखते हैं)

पार्ट

कार्य

रेडिएटर (Radiator)

इंजन को ठंडा रखने के लिए कूलेंट को ठंडा करता है।

वाटर पंप (Water Pump)

कूलेंट को इंजन में सर्कुलेट करता है।

लुब्रिकेशन सिस्टम (Lubrication System)

इंजन ऑयल को सभी पार्ट्स तक पहुँचाकर घर्षण को कम करता है।

टर्बोचार्जर (Turbocharger) [कुछ इंजनों में]

हवा की आपूर्ति बढ़ाकर पावर को बढ़ाता है।

इंजन कंट्रोल यूनिट (ECU) [नई गाड़ियों में]

इंजन के काम को इलेक्ट्रॉनिकली कंट्रोल करता है।


🛠 इंजन का पूरा काम कैसे होता है?

1️ इनटेक स्ट्रोकहवा और ईंधन सिलेंडर में जाते हैं।
2️
कंप्रेशन स्ट्रोकपिस्टन ईंधन को संपीड़ित (Compress) करता है।
3️
पावर स्ट्रोकस्पार्क प्लग से आग लगती है (पेट्रोल) या डीजल खुद जलता है और पिस्टन नीचे धक्का देता है।
4️
एग्जॉस्ट स्ट्रोकजली हुई गैसें बाहर निकलती हैं।

🚗 यही चार स्टेप लगातार चलते हैं, जिससे इंजन पावर बनाता है!


💡 निष्कर्ष

✔️ इंजन कई छोटे-बड़े हिस्सों से मिलकर बना होता है।
मुख्यतः दो भाग – स्टेशनरी पार्ट्स (Engine Block, Cylinder Head) और मूविंग पार्ट्स (Piston, Crankshaft, Valves)
✔️ कूलिंग और लुब्रिकेशन सिस्टम इंजन को सही ढंग से चलाने में मदद करता है।
✔️ इंजन का काम: हवा + ईंधन जलता है 🔥 पिस्टन मूव करता है व्हील्स घूमते हैं! 🚗💨

🚗🔧

 

3.     11189M75T10 - GASKET, CYL HEAD COVER NO.1

o    यह सिलेंडर हेड कवर का पहला गैसकेट है, जो तेल रिसाव को रोकने के लिए लगाया जाता है।

4.    11189M75T20 - GASKET, CYL HEAD COVER NO.2

o    यह सिलेंडर हेड कवर का दूसरा गैसकेट है, जो सिलेंडर हेड को सील करता है।

हाँ, सिलेंडर हेड में गैसकेट नंबर 1 और 2 दोनों एक ही उद्देश्य से लगाए जाते हैं, लेकिन इनका स्थान और भूमिका थोड़ी अलग हो सकती है।

गैसकेट नंबर 1 और 2 का काम:

सिलेंडर हेड और हेड कवर को सील करना:

  • इंजन ऑयल और कूलेंट को अलग रखने में मदद करता है।
  • ऑयल लीक और कूलेंट लीक को रोकता है।

इंजन की परफॉर्मेंस बनाए रखना:

  • इंजन के अंदर दबाव (Compression) को बनाए रखता है।
  • ईंधन का सही दहन (Combustion) सुनिश्चित करता है।

क्यों दो गैसकेट होते हैं?

🔹 कुछ इंजनों में सिंगल सिलेंडर हेड कवर नहीं होता, बल्कि अलग-अलग हिस्से होते हैं, इसलिए दो गैसकेट की जरूरत पड़ती है।
🔹 एक गैसकेट हेड और ब्लॉक के बीच होता है, जबकि दूसरा हेड कवर और हेड के बीच होता है।
🔹 इससे इंजन की सीलिंग मजबूत होती है और लीक की संभावना कम होती है।

निष्कर्ष:

✔️ दोनों गैसकेट का काम एक जैसा है, लेकिन ये अलग-अलग जगह लगे होते हैं।
✔️ अगर कोई एक भी खराब हो जाए, तो ऑयल या कूलेंट लीक हो सकता है।
✔️ इंजन की सुरक्षा और परफॉर्मेंस के लिए दोनों का सही तरीके से काम करना जरूरी है।

आपका सोचना सही है, लेकिन दोनों गैसकेट (No. 1 और No. 2) का थोड़ा अलग काम होता है।

1️   सिलेंडर हेड गैसकेट (Cylinder Head Gasket)

👉 पार्ट नंबर: 11141M75T00
🔹 यह इंजन ब्लॉक और सिलेंडर हेड के बीच लगाया जाता है।
🔹 इसका मुख्य काम कूलेंट, इंजन ऑयल और दहन गैसों को अलग-अलग रखना होता है।
🔹 अगर यह खराब हो जाए, तो इंजन ओवरहीट हो सकता है और ऑयल-कूलेंट मिक्स हो सकते हैं।


2️   सिलेंडर हेड कवर गैसकेट (Cylinder Head Cover Gasket)

👉 पार्ट नंबर: 11189M75T10 (No. 1) और 11189M75T20 (No. 2)
🔹 ये गैसकेट सिलेंडर हेड के ऊपर कवर (Valve Cover) को सील करने के लिए होते हैं।
🔹 इनका मुख्य काम इंजन ऑयल को बाहर लीक होने से रोकना है।
🔹 जब इंजन चलता है, तो इसमें बहुत ज्यादा गर्मी और दबाव बनता है, जिससे ऑयल बाहर रिस सकता है।
🔹 सिलेंडर हेड कवर गैसकेट ऑयल लीक को रोकता है।


क्या सिलेंडर हेड गैसकेट और सिलेंडर हेड कवर गैसकेट का काम एक ही है?

नहीं, इनका काम अलग-अलग है।

✔️ सिलेंडर हेड गैसकेट 👉 इंजन ब्लॉक और सिलेंडर हेड के बीच सीलिंग करता है।
✔️ सिलेंडर हेड कवर गैसकेट 👉 सिलेंडर हेड के ऊपर वाले कवर (Valve Cover) को सील करता है।

📌 संक्षेप में:
👉 सिलेंडर हेड गैसकेटइंजन के अंदर ऑयल, कूलेंट और गैसों को अलग रखना।
👉 सिलेंडर हेड कवर गैसकेटइंजन के ऊपर ऑयल लीक होने से बचाना।

 

5.    13118M69T00 - GASKET, INTAKE MANIFOLD

o    यह इनटेक मैनिफोल्ड को इंजन से जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है और हवा के रिसाव को रोकता है।

6.    13421M69T00 - GASKET, THROTTLE BODY

o    यह थ्रॉटल बॉडी को सील करता है, जिससे हवा का सही प्रवाह इंजन में बना रहता है।

7.     18534M69T00 - GASKET, EGR

o    यह एग्जॉस्ट गैस रिसर्कुलेशन (EGR) सिस्टम में उपयोग होता है, जो इंजन के उत्सर्जन को नियंत्रित करता है।

8.    14140M75T00 - GASKET, COMP EXH MANIFOLD

o    यह एग्जॉस्ट मैनिफोल्ड गैसकेट है, जो एग्जॉस्ट सिस्टम को सील करता है ताकि निकास गैसों का सही तरीके से प्रवाह हो।

9.    11223M75T00 - GASKET, BREATHER PLATE

o    यह इंजन के ब्रीदर सिस्टम में उपयोग किया जाता है ताकि अतिरिक्त दबाव और तेल लीकेज को रोका जा सके।

10. 17759M82K00 - O RING

o    यह एक रबर सील है जो विभिन्न इंजन भागों में तरल और गैस के रिसाव को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाती है।

 

1. सिलेंडर हेड गैसकेट क्या है?
सिलेंडर हेड गैसकेट (Cylinder Head Gasket) एक सीलिंग कम्पोनेंट (sealing component) है, जो इंजन ब्लॉक (Engine Block) और सिलेंडर हेड (Cylinder Head) के बीच लगाया जाता है। यह इंजन के अंदर कूलेंट, इंजन ऑयल और दहन गैसों को अलग-अलग रखने और रिसाव रोकने में मदद करता है।


2.     यह कहां लगा होता है?
इंजन दो मुख्य हिस्सों में बंटा होता है:
इंजन ब्लॉक: इसमें सिलेंडर (जहां पिस्टन चलता है) और कूलेंट व ऑयल के मार्ग होते हैं।
सिलेंडर हेड: इसमें वाल्व, स्पार्क प्लग और कंबशन चैम्बर होते हैं।

कंबशन चैम्बर (Combustion Chamber) क्या होता है?

परिभाषा:
कंबशन चैम्बर (Combustion Chamber) वह स्थान होता है जहां ईंधन (Fuel) और हवा (Air) का मिश्रण जलता है और ऊर्जा उत्पन्न करता है, जिससे इंजन चलता है।


1. कंबशन चैम्बर का स्थान:

इंजन के अंदर सिलेंडर (Cylinder) में कंबशन चैम्बर होता है। यह सिलेंडर हेड और पिस्टन के बीच स्थित होता है। जब पिस्टन ऊपर आता है, तो यह ईंधन और हवा के मिश्रण को संपीड़ित (Compress) करता है, और फिर स्पार्क प्लग इसे जलाता है, जिससे विस्फोट (Explosion) होता है।


2. कंबशन चैम्बर का कार्य:

ईंधन को जलाकर ऊर्जा उत्पन्न करना:

  • जब स्पार्क प्लग में चिंगारी (Spark) उत्पन्न होती है, तो ईंधन और हवा का मिश्रण जलता है।
  • इससे गर्म गैसें बनती हैं, जो पिस्टन को नीचे धकेलती हैं, जिससे इंजन घूमता है।

इंजन की शक्ति और दक्षता बढ़ाना:

  • यदि कंबशन चैम्बर का डिज़ाइन सही होता है, तो ईंधन अधिक अच्छे से जलता है और बेहतर माइलेज और पावर मिलती है।

दहन गैसों को सही तरीके से निकालना:

  • जब ईंधन जल जाता है, तो गैसें निकलती हैं।
  • एग्जॉस्ट वाल्व इन्हें बाहर निकाल देता है, जिससे इंजन सुचारू रूप से चलता है।

3. कंबशन चैम्बर के प्रकार:

इंजन के डिज़ाइन के अनुसार, कंबशन चैम्बर के कई प्रकार होते हैं:

1️   हर्मीस्फेरिकल (Hemispherical) चैंबर:

  • इसे हेमी (Hemi) चैंबर भी कहते हैं।
  • यह आधे गोले के आकार का होता है और बेहतर पावर देता है।
  • आमतौर पर स्पोर्ट्स और हाई-परफॉर्मेंस कारों में उपयोग किया जाता है।

2️  पैंटाफायर (Pentroof) चैंबर:

  • यह ज़्यादा वॉल्व वाली कारों में उपयोग किया जाता है।
  • यह ईंधन को ज्यादा अच्छे से जलाने में मदद करता है।

3️   बाउल-इन-पिस्टन (Bowl-in-Piston) चैंबर:

  • यह डीजल इंजनों में अधिक उपयोग होता है।
  • इसमें पिस्टन के ऊपर एक गड्ढा (Bowl) होता है, जहां ईंधन जलता है।

4. कंबशन चैम्बर खराब हो जाए तो क्या होगा?

इंजन में कंपन (Vibration) बढ़ सकता हैक्योंकि दहन सही से नहीं हो रहा।
ईंधन की खपत (Fuel Consumption) बढ़ सकती हैक्योंकि पूरी तरह से जल नहीं रहा।
इंजन ओवरहीट हो सकता हैक्योंकि गलत दहन से अधिक गर्मी बनती है।
ब्लैक स्मोक (Black Smoke) आ सकता हैक्योंकि ईंधन अधूरा जल रहा है।


निष्कर्ष:

कंबशन चैम्बर इंजन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यही वह स्थान है जहां ऊर्जा उत्पन्न होती है। इसका डिज़ाइन और कार्यक्षमता इंजन की पावर, माइलेज और स्मूदनेस पर असर डालती है।

 

सिलेंडर हेड गैसकेट इन दोनों हिस्सों के बीच सीलिंग का काम करता है।


3. सिलेंडर हेड गैसकेट के काम:
🔹 कूलेंट को इंजन ऑयल से अलग रखना:

  • इंजन में कूलिंग सिस्टम होता है, जिसमें कूलेंट (Coolant) का प्रवाह होता है।
  • इंजन में ऑयल भी होता है, जो पिस्टन और अन्य हिस्सों को चिकना (lubricate) करता है।
  • सिलेंडर हेड गैसकेट यह सुनिश्चित करता है कि कूलेंट और ऑयल आपस में न मिलें

🔹 दहन गैसों को सील करना:

  • इंजन में ईंधन (Fuel) जलकर दहन गैसें बनती हैं, जो पिस्टन को ऊपर-नीचे धकेलती हैं।
  • सिलेंडर हेड गैसकेट यह सुनिश्चित करता है कि दहन गैसें बाहर न निकलें और पूरी ताकत पिस्टन को मिले।

🔹 इंजन का सही कंप्रेशन (Compression) बनाए रखना:

  • अगर सिलेंडर हेड गैसकेट खराब हो जाए तो इंजन में कंप्रेशन (compression) कम हो सकता है, जिससे इंजन की ताकत घट जाती है।

4. अगर सिलेंडर हेड गैसकेट खराब हो जाए तो क्या होगा?
इंजन ओवरहीट हो सकता हैक्योंकि कूलेंट का रिसाव होगा।
इंजन ऑयल और कूलेंट मिल सकते हैंजिससे इंजन डैमेज हो सकता है।
एक्सॉस्ट में सफेद धुआं (White Smoke) आ सकता हैक्योंकि कूलेंट जल सकता है।
इंजन पावर कम हो सकती हैक्योंकि दहन गैसें बाहर निकल सकती हैं।


निष्कर्ष

सिलेंडर हेड गैसकेट इंजन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह अलग-अलग तरल पदार्थों (कूलेंट, ऑयल) और दहन गैसों को एक-दूसरे से अलग रखता है और इंजन की परफॉर्मेंस बनाए रखता है। अगर यह खराब हो जाए, तो इंजन को गंभीर नुकसान हो सकता है।

मैनें समझा अगर हैंड गास्केट खराब हो जाती है या फट जाती है, तो कूलेंट और ऑयल दोनों मिल सकते है। इनको अलग अलग रखने के लिए ही हैड गास्केट का प्रयोग किया जाता है। यानि इंजन में इंजन ऑयल और कूलेंट ही घूमते है।

आपकी समझ बिल्कुल सही है!

इंजन में दो मुख्य तरल (Fluids) होते हैं:

1️  इंजन ऑयल (Engine Oil):

  • यह इंजन के मूविंग पार्ट्स (जैसे पिस्टन, क्रैंकशाफ्ट, कैम्पशाफ्ट) को चिकना (lubricate) करता है।
  • इससे घर्षण (friction) कम होता है और इंजन आसानी से चलता है।
  • यह गर्मी को भी कुछ हद तक कम करने में मदद करता है।

2️   कूलेंट (Coolant):

  • यह इंजन को ठंडा (cool) रखने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • जब इंजन गर्म हो जाता है, तो कूलेंट रेडिएटर के जरिए उसकी गर्मी को बाहर निकालता है।
  • इससे इंजन ओवरहीटिंग से बचता है।

सिलेंडर हेड गैसकेट का मुख्य काम:

इंजन ऑयल और कूलेंट को अलग-अलग रखना।
कंप्रेशन को बनाए रखना ताकि ईंधन सही से जले।
कूलेंट को लीक होने से रोकना।
इंजन ऑयल को जलने से बचाना।


अगर हेड गैसकेट फट जाए तो क्या होगा?

इंजन ऑयल और कूलेंट आपस में मिल सकते हैं।

  • अगर ये दोनों मिल गए, तो इंजन की परफॉर्मेंस खराब हो जाएगी।
  • इंजन ऑयल गाढ़ा और मिल्की व्हाइट (Milky White) हो सकता है, जिससे इंजन को नुकसान होगा।

इंजन ओवरहीट हो सकता है।

  • अगर कूलेंट लीक हो गया, तो इंजन गर्म होने लगेगा और खराब भी हो सकता है।

सफेद धुआं (White Smoke) निकल सकता है।

  • अगर कूलेंट सिलेंडर में चला गया, तो यह जलकर सफेद धुआं बना सकता है।

निष्कर्ष:

✔️ इंजन में केवल दो तरल पदार्थ (इंजन ऑयल और कूलेंट) घूमते हैं।
✔️ हेड गैसकेट इन दोनों को अलग रखने और इंजन को सील करने के लिए जरूरी है।
✔️ अगर हेड गैसकेट फट जाए, तो इंजन में बड़ा नुकसान हो सकता है।

🚗🔥

सिलेंडर (Cylinder) क्या होता है?

परिभाषा:
सिलेंडर (Cylinder) इंजन का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है, जहां पिस्टन (Piston) ऊपर-नीचे चलता है और ऊर्जा उत्पन्न करता है। इसे इंजन का हृदय (Heart of the Engine) भी कहा जाता है।


1. सिलेंडर की संरचना (Structure of Cylinder)

🔹 सिलेंडर मजबूत धातु (जैसे कास्ट आयरन या एल्युमिनियम) का बना होता है
🔹 इसके अंदर पिस्टन ऊपर-नीचे चलता है, जो इंजन के पावर स्ट्रोक को बनाता है।
🔹 सिलेंडर के चारों ओर कूलिंग सिस्टम (Coolant Passages) होता है, ताकि यह ज़्यादा गर्म न हो।


2. सिलेंडर का कार्य (Function of Cylinder)

ईंधन को जलाने की जगह (Combustion Chamber का हिस्सा)

  • सिलेंडर में ईंधन और हवा का मिश्रण संपीड़ित (Compress) किया जाता है और जलाया जाता है।
  • इससे गर्म गैसें बनती हैं, जो पिस्टन को नीचे धकेलती हैं और इंजन की शक्ति उत्पन्न होती है।

पिस्टन की गति को नियंत्रित करना

  • सिलेंडर के अंदर पिस्टन ऊपर-नीचे चलता है, जिससे इंजन सुचारू रूप से काम करता है।

ऊर्जा को यांत्रिक शक्ति (Mechanical Power) में बदलना

  • सिलेंडर के अंदर होने वाली दहन क्रिया (Combustion) से बनी गैसों की ऊर्जा को इंजन के घूमने की शक्ति (Rotational Power) में बदला जाता है।

3. सिलेंडर के प्रकार (Types of Cylinders in an Engine)

🔹 सिंगल सिलेंडर इंजन (Single Cylinder Engine)

  • इसमें केवल एक सिलेंडर होता है।
  • बाइक और छोटे जेनरेटर में इसका उपयोग किया जाता है।

🔹 मल्टी-सिलेंडर इंजन (Multi-Cylinder Engine)

  • इसमें एक से अधिक सिलेंडर होते हैं (जैसे 2, 3, 4, 6, 8, 12 सिलेंडर)।
  • कार, ट्रक, स्पोर्ट्स कार और बड़ी मशीनों में उपयोग होता है।

👉 सामान्य रूप से इस्तेमाल होने वाले इंजन:
2-सिलेंडर इंजन (टू व्हीलर और कुछ छोटे कार मॉडल)
3-सिलेंडर इंजन (छोटी कारों में अधिकतर उपयोग होता है)
4-सिलेंडर इंजन (सामान्य कारों में)
6-सिलेंडर इंजन (पावरफुल कारों में)
8-12 सिलेंडर इंजन (स्पोर्ट्स कार और हेवी ड्यूटी वाहन)


4. सिलेंडर खराब हो जाए तो क्या होगा?

इंजन का पावर कम हो सकता है।
इंजन ऑयल का लीकेज हो सकता है।
इंजन का कंप्रेशन (Compression) घट सकता है।
ब्लैक स्मोक (Black Smoke) या सफेद धुआं (White Smoke) आ सकता है।
इंजन ज़्यादा गर्म (Overheat) हो सकता है।


5. निष्कर्ष

✔️ सिलेंडर इंजन का मुख्य भाग होता है, जहां पिस्टन चलता है और ऊर्जा उत्पन्न होती है।
✔️ इसके बिना इंजन नहीं चल सकता, क्योंकि यहीं पर ईंधन जलता है और पावर बनती है।
✔️ ज्यादा सिलेंडर का मतलब ज्यादा पावर, लेकिन ज्यादा फ्यूल खपत।

 

 

कितने सिलेंडर की गाड़ी है यह कैसे पता करें। यानि अगर तीन स्पार्क प्लग तीन सिलेडर

बिल्कुल सही! अगर किसी गाड़ी में तीन स्पार्क प्लग हैं, तो उसमें तीन सिलेंडर (3-Cylinder Engine) होगा।


🚗 कितने सिलेंडर की गाड़ी है, यह कैसे पता करें?

👉 1. स्पार्क प्लग गिनकर (For Petrol Engines)

  • हर सिलेंडर में एक स्पार्क प्लग होता है।
  • अगर इंजन में 3 स्पार्क प्लग हैं, तो यह 3-सिलेंडर इंजन होगा।
  • अगर 4 स्पार्क प्लग हैं, तो 4-सिलेंडर इंजन होगा।

👉 2. इंजेक्टर की संख्या देखकर (For Diesel Engines)

  • डीजल इंजन में स्पार्क प्लग नहीं होते, बल्कि फ्यूल इंजेक्टर होते हैं।
  • जितने सिलेंडर होंगे, उतने ही फ्यूल इंजेक्टर होंगे।
  • अगर 4 फ्यूल इंजेक्टर हैं, तो 4-सिलेंडर इंजन होगा।

👉 3. इंजन नंबर या गाड़ी की स्पेसिफिकेशन से

  • गाड़ी के मैनुअल (Owner's Manual) में इंजन के सिलेंडर की संख्या दी होती है।
  • गाड़ी की आरसी (Registration Certificate) या इंजन पर भी यह लिखा हो सकता है।

👉 4. इंजन का साउंड और वाइब्रेशन देखकर

  • 3-सिलेंडर इंजन में हल्का वाइब्रेशन होता है, क्योंकि पावर बैलेंस कम होता है।
  • 4-सिलेंडर इंजन स्मूद चलता है और वाइब्रेशन कम होता है।

🚗 सिलेंडर की संख्या का गाड़ी पर असर

3-सिलेंडर इंजन

  • माइलेज ज्यादा, पावर कम
  • छोटे वाहन (Maruti Alto, Renault Kwid)

4-सिलेंडर इंजन

  • बैलेंस्ड पावर और माइलेज
  • आमतौर पर कारों में (Swift, Baleno, i20)

6 या ज्यादा सिलेंडर इंजन

  • ज्यादा पावर, हाई परफॉर्मेंस
  • SUV, लग्जरी और स्पोर्ट्स कार (Fortuner, BMW, Audi)

💡 निष्कर्ष

✔️ स्पार्क प्लग या फ्यूल इंजेक्टर गिनकर सिलेंडर की संख्या पता कर सकते हैं।
✔️ इंजन नंबर, गाड़ी के मैनुअल या आरसी में भी जानकारी होती है।
✔️ कम सिलेंडर वाली गाड़ियाँ माइलेज ज्यादा देती हैं, ज्यादा सिलेंडर वाली गाड़ियाँ पावरफुल होती हैं।

 

बस और ट्रक में कितने सिलेंडर होते हैं?

🚛 बस और ट्रक में आमतौर पर 4, 6 या 8 सिलेंडर वाले इंजन होते हैं।
✔️ छोटे ट्रक या मिनी बस – 4-सिलेंडर इंजन
✔️ मध्यम आकार के ट्रक/बस – 6-सिलेंडर इंजन
✔️ बड़े ट्रक या भारी वाहन – 6 से 8-सिलेंडर इंजन
✔️ बहुत बड़े ट्रक (जैसे वोल्वो, अशोक लीलैंड के हेवी ट्रक) – 12 सिलेंडर तक हो सकते हैं।


🚛 ट्रक और बस के सिलेंडर कैसे गिनें?

1. फ्यूल इंजेक्टर गिनकर (Diesel Engine के लिए)

  • हर सिलेंडर के लिए एक फ्यूल इंजेक्टर होता है।
  • अगर इंजन में 6 फ्यूल इंजेक्टर हैं, तो यह 6-सिलेंडर इंजन होगा।

2. एग्जॉस्ट पाइप की बनावट से

  • ज्यादा सिलेंडर वाले इंजन में एग्जॉस्ट पाइप का साइज बड़ा होता है।
  • बड़े ट्रकों में दो एग्जॉस्ट पाइप भी हो सकते हैं।

3. इंजन की जानकारी गाड़ी के मैनुअल या इंजन प्लेट पर देख सकते हैं।

  • इंजन पर एक मेटल प्लेट होती है, जिसमें इंजन का मॉडल और सिलेंडर की संख्या लिखी होती है।

4. गाड़ी के आरसी (Registration Certificate) में भी इंजन की जानकारी होती है।


🚛 ट्रक और बस में ज्यादा सिलेंडर क्यों होते हैं?

ज्यादा पावर और टॉर्क के लिएबड़े और भारी वाहनों को ज्यादा वजन खींचने के लिए अधिक टॉर्क चाहिए।
स्मूद ऑपरेशन के लिएज्यादा सिलेंडर वाला इंजन स्मूद चलता है और ज्यादा वाइब्रेशन नहीं करता।
अधिक दूरी के लिएट्रकों और बसों को लंबी यात्रा करनी होती है, इसलिए मजबूत इंजन की जरूरत होती है।


💡 निष्कर्ष

✔️ छोटे ट्रक/बस – 4-सिलेंडर इंजन
✔️ मध्यम ट्रक/बस – 6-सिलेंडर इंजन
✔️ बड़े ट्रक (हेवी ड्यूटी) – 6 से 8-सिलेंडर इंजन
✔️ बहुत भारी ट्रक – 12 सिलेंडर इंजन (जैसे वोल्वो ट्रक, कंटेनर ट्रक)

अब अगली बार जब आप किसी ट्रक या बस का इंजन देखें, तो आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि उसमें कितने सिलेंडर होंगे! 🚛🔥

बिल्कुल सही! ज़्यादातर बाइकों में एक ही स्पार्क प्लग होता है, क्योंकि उनमें सिंगल-सिलेंडर इंजन (Single Cylinder Engine) होता है।


🏍 बाइक में सिलेंडर और स्पार्क प्लग का संबंध

👉 सिंगल-सिलेंडर इंजन (Single Cylinder Engine)

  • ज़्यादातर बाइकों (Splendor, Pulsar 150, Activa) में एक ही सिलेंडर और एक ही स्पार्क प्लग होता है।
  • इसलिए 1 सिलेंडर = 1 स्पार्क प्लग

👉 ट्विन-सिलेंडर इंजन (Twin Cylinder Engine)

  • कुछ हाई-परफॉर्मेंस बाइकों (Kawasaki Ninja 300, Yamaha R3) में 2 सिलेंडर होते हैं और 2 स्पार्क प्लग होते हैं।

👉 फोर-सिलेंडर इंजन (Four Cylinder Engine)

  • स्पोर्ट्स बाइकों (Suzuki Hayabusa, Kawasaki Ninja ZX-10R) में 4 सिलेंडर होते हैं, इसलिए 4 स्पार्क प्लग होते हैं।

👉 कुछ बाइकों में 1 सिलेंडर पर 2 स्पार्क प्लग भी होते हैं

  • जैसे Bajaj Pulsar 220 में 1 सिलेंडर + 2 स्पार्क प्लग होते हैं। इसे DTS-i (Digital Twin Spark Ignition) टेक्नोलॉजी कहते हैं, जो माइलेज और परफॉर्मेंस को बेहतर बनाती है।

🏍 बाइक का इंजन कैसा पहचानें?

स्पार्क प्लग गिनें:

  • 1 स्पार्क प्लग = 1 सिलेंडर (सामान्य बाइक)
  • 2 स्पार्क प्लग = 1 या 2 सिलेंडर (जैसे Pulsar 220, Ninja 300)
  • 4 स्पार्क प्लग = 4-सिलेंडर स्पोर्ट्स बाइक (जैसे Hayabusa, ZX-10R)

इंजन के मैनुअल या इंजन ब्लॉक पर देख सकते हैं।


💡 निष्कर्ष

✔️ साधारण बाइकों में 1 सिलेंडर और 1 स्पार्क प्लग होता है।
✔️ हाई-परफॉर्मेंस बाइकों में ज्यादा सिलेंडर और ज्यादा स्पार्क प्लग होते हैं।
✔️ कुछ बाइकों में 1 सिलेंडर पर 2 स्पार्क प्लग भी होते हैं, जिससे परफॉर्मेंस बेहतर होती है।

CC (Cubic Centimeter) क्या होता है और इसे कैसे पता करें?

👉 CC का फुल फॉर्म: Cubic Centimeter (घन सेंटीमीटर)

🚀 CC इंजन की पावर और क्षमता को दर्शाता है।

  • यह बताता है कि इंजन के सिलेंडर के अंदर कितना वॉल्यूम (संदहन कक्ष का आकार) है।
  • जितना ज्यादा CC होगा, उतना ही ज्यादा फ्यूल और एयर मिक्स होकर जल सकेगा, जिससे इंजन ज्यादा पावरफुल होगा।

💡 CC कैसे पता करें?

1️  गाड़ी के डॉक्यूमेंट या इंजन पर देखें

गाड़ी की RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) पर इंजन CC लिखा होता है।
इंजन ब्लॉक पर भी CC लिखा होता है।
बाइक या कार की कंपनी की वेबसाइट या मैनुअल में भी CC दी होती है।

2️   इंजन CC का गणितीय फॉर्मूला (Cylinder Volume Calculation)

अगर इंजन का बोर (Bore) और स्ट्रोक (Stroke) पता हो, तो CC निकालने का फॉर्मूला:

CC=π4×(बोर)2×स्ट्रोक×सिलेंडरकीसंख्याCC = \frac{\pi}{4} \times (बोर)^2 \times स्ट्रोक \times सिलेंडर की संख्याCC=4π​×(बोर)2×स्ट्रोक×सिलेंडरकीसंख्या

जहाँ,

  • बोर (Bore): सिलेंडर का व्यास (diameter in mm)
  • स्ट्रोक (Stroke): पिस्टन का ऊपर-नीचे जाने का सफर (in mm)
  • सिलेंडर की संख्या: जितने सिलेंडर हैं उतने जोड़ें

अगर यह जानकारी हो, तो CC को कैलकुलेट किया जा सकता है।


🏍🚗 अलग-अलग गाड़ियों के CC के उदाहरण

वाहन

इंजन CC

प्रकार

Splendor Plus

97.2cc

माइलेज बाइक्स

Pulsar 150

149cc

नॉर्मल स्पोर्ट्स बाइक

Royal Enfield Classic 350

349cc

क्रूज़र बाइक

Hayabusa

1340cc

सुपरबाइक

Maruti Alto

796cc

छोटी कार

Swift

1197cc

मिड-लेवल कार

Scorpio

2184cc

SUV

Volvo Truck

12000cc (12 लीटर)

भारी वाहन


🔍 CC का असर क्या होता है?

कम CC वाली गाड़ियाँअच्छा माइलेज, लो मेंटेनेंस, लो स्पीड (Splendor, Activa)
ज्यादा CC वाली गाड़ियाँज्यादा पावर, स्पीड, कम माइलेज (Bullet, Hayabusa, Scorpio)


💡 निष्कर्ष

✔️ CC इंजन का साइज़ और क्षमता बताता है।
✔️ ज्यादा CC = ज्यादा पावर, कम माइलेज
✔️ कम CC = ज्यादा माइलेज, कम पावर
✔️ RC, इंजन ब्लॉक या कंपनी की वेबसाइट से CC पता कर सकते हैं।

इंजन किन-किन चीजों से मिलकर बना होता है?

🚗 इंजन एक जटिल मशीन है, जो कई हिस्सों से मिलकर बना होता है। इसे मुख्यतः दो भागों में बाँटा जा सकता है:
1️
स्टेशनरी (स्थिर) पार्ट्सजो हिलते नहीं हैं
2️
मूविंग (गतिशील) पार्ट्सजो चलते रहते हैं


🔧 1️ इंजन के मुख्य स्थिर (Stationary) पार्ट्स

(ये हिस्से इंजन को ढाँचा और सपोर्ट देते हैं)

पार्ट

कार्य

इंजन ब्लॉक (Engine Block)

इंजन का मुख्य ढांचा, जिसमें सिलेंडर और अन्य हिस्से होते हैं।

सिलेंडर (Cylinder)

पिस्टन इसमें ऊपर-नीचे चलता है और दहन (combustion) होता है।

सिलेंडर हेड (Cylinder Head)

सिलेंडर के ऊपर लगाया जाता है, इसमें वाल्व, स्पार्क प्लग (पेट्रोल इंजन) या इंजेक्टर (डीजल इंजन) होते हैं।

हेड गैसकेट (Head Gasket)

सिलेंडर हेड और इंजन ब्लॉक के बीच सीलिंग करता है ताकि ऑयल और कूलेंट न मिलें।

कम्बशन चेंबर (Combustion Chamber)

जहाँ ईंधन जलता है और ऊर्जा बनती है।

इनटेक मैनिफोल्ड (Intake Manifold)

हवा और फ्यूल को इंजन में ले जाने का रास्ता।

एग्जॉस्ट मैनिफोल्ड (Exhaust Manifold)

जलने के बाद बची हुई गैसों को बाहर निकालने का रास्ता।

ऑयल पैन (Oil Pan)

इंजन ऑयल को स्टोर करता है।


⚙️ 2️ इंजन के मुख्य गतिशील (Moving) पार्ट्स

(ये हिस्से इंजन में मूवमेंट और पावर जनरेट करने का काम करते हैं)

पार्ट

कार्य

पिस्टन (Piston)

सिलेंडर में ऊपर-नीचे चलता है और पावर जनरेट करता है।

पिस्टन रिंग (Piston Ring)

पिस्टन और सिलेंडर के बीच गैस को सील करता है और घर्षण कम करता है।

कनेक्टिंग रॉड (Connecting Rod)

पिस्टन को क्रैंकशाफ्ट से जोड़ता है और मूवमेंट ट्रांसफर करता है।

क्रैंकशाफ्ट (Crankshaft)

पिस्टन की लाइनर मूवमेंट को रोटेशनल मूवमेंट में बदलता है।

कैमशाफ्ट (Camshaft)

इंजन के वाल्व को खोलने और बंद करने का काम करता है।

वाल्व (Valves)

हवा-ईंधन को अंदर लाने (इनटेक वाल्व) और एग्जॉस्ट गैस बाहर निकालने (एग्जॉस्ट वाल्व) का काम करता है।

स्पार्क प्लग (Spark Plug) [पेट्रोल इंजन में]

पेट्रोल इंजन में फ्यूल को जलाने के लिए स्पार्क (चिंगारी) उत्पन्न करता है।

फ्यूल इंजेक्टर (Fuel Injector) [डीजल इंजन में]

डीजल इंजन में ईंधन को सिलेंडर में स्प्रे करता है।

फ्लाईव्हील (Flywheel)

इंजन को स्मूदली चलाने के लिए एनर्जी स्टोर करता है।


3️ सहायक (Auxiliary) पार्ट्स

(ये इंजन की कार्यक्षमता और कूलिंग को बनाए रखते हैं)

पार्ट

कार्य

रेडिएटर (Radiator)

इंजन को ठंडा रखने के लिए कूलेंट को ठंडा करता है।

वाटर पंप (Water Pump)

कूलेंट को इंजन में सर्कुलेट करता है।

लुब्रिकेशन सिस्टम (Lubrication System)

इंजन ऑयल को सभी पार्ट्स तक पहुँचाकर घर्षण को कम करता है।

टर्बोचार्जर (Turbocharger) [कुछ इंजनों में]

हवा की आपूर्ति बढ़ाकर पावर को बढ़ाता है।

इंजन कंट्रोल यूनिट (ECU) [नई गाड़ियों में]

इंजन के काम को इलेक्ट्रॉनिकली कंट्रोल करता है।


🛠 इंजन का पूरा काम कैसे होता है?

1️ इनटेक स्ट्रोकहवा और ईंधन सिलेंडर में जाते हैं।
2️
कंप्रेशन स्ट्रोकपिस्टन ईंधन को संपीड़ित (Compress) करता है।
3️
पावर स्ट्रोकस्पार्क प्लग से आग लगती है (पेट्रोल) या डीजल खुद जलता है और पिस्टन नीचे धक्का देता है।
4️
एग्जॉस्ट स्ट्रोकजली हुई गैसें बाहर निकलती हैं।

🚗 यही चार स्टेप लगातार चलते हैं, जिससे इंजन पावर बनाता है!


💡 निष्कर्ष

✔️ इंजन कई छोटे-बड़े हिस्सों से मिलकर बना होता है।
मुख्यतः दो भाग – स्टेशनरी पार्ट्स (Engine Block, Cylinder Head) और मूविंग पार्ट्स (Piston, Crankshaft, Valves)
✔️ कूलिंग और लुब्रिकेशन सिस्टम इंजन को सही ढंग से चलाने में मदद करता है।
✔️ इंजन का काम: हवा + ईंधन जलता है 🔥 पिस्टन मूव करता है व्हील्स घूमते हैं! 🚗💨

🚗🔧

 

3.     11189M75T10 - GASKET, CYL HEAD COVER NO.1

o    यह सिलेंडर हेड कवर का पहला गैसकेट है, जो तेल रिसाव को रोकने के लिए लगाया जाता है।

4.    11189M75T20 - GASKET, CYL HEAD COVER NO.2

o    यह सिलेंडर हेड कवर का दूसरा गैसकेट है, जो सिलेंडर हेड को सील करता है।

हाँ, सिलेंडर हेड में गैसकेट नंबर 1 और 2 दोनों एक ही उद्देश्य से लगाए जाते हैं, लेकिन इनका स्थान और भूमिका थोड़ी अलग हो सकती है।

गैसकेट नंबर 1 और 2 का काम:

सिलेंडर हेड और हेड कवर को सील करना:

  • इंजन ऑयल और कूलेंट को अलग रखने में मदद करता है।
  • ऑयल लीक और कूलेंट लीक को रोकता है।

इंजन की परफॉर्मेंस बनाए रखना:

  • इंजन के अंदर दबाव (Compression) को बनाए रखता है।
  • ईंधन का सही दहन (Combustion) सुनिश्चित करता है।

क्यों दो गैसकेट होते हैं?

🔹 कुछ इंजनों में सिंगल सिलेंडर हेड कवर नहीं होता, बल्कि अलग-अलग हिस्से होते हैं, इसलिए दो गैसकेट की जरूरत पड़ती है।
🔹 एक गैसकेट हेड और ब्लॉक के बीच होता है, जबकि दूसरा हेड कवर और हेड के बीच होता है।
🔹 इससे इंजन की सीलिंग मजबूत होती है और लीक की संभावना कम होती है।

निष्कर्ष:

✔️ दोनों गैसकेट का काम एक जैसा है, लेकिन ये अलग-अलग जगह लगे होते हैं।
✔️ अगर कोई एक भी खराब हो जाए, तो ऑयल या कूलेंट लीक हो सकता है।
✔️ इंजन की सुरक्षा और परफॉर्मेंस के लिए दोनों का सही तरीके से काम करना जरूरी है।

आपका सोचना सही है, लेकिन दोनों गैसकेट (No. 1 और No. 2) का थोड़ा अलग काम होता है।

1️   सिलेंडर हेड गैसकेट (Cylinder Head Gasket)

👉 पार्ट नंबर: 11141M75T00
🔹 यह इंजन ब्लॉक और सिलेंडर हेड के बीच लगाया जाता है।
🔹 इसका मुख्य काम कूलेंट, इंजन ऑयल और दहन गैसों को अलग-अलग रखना होता है।
🔹 अगर यह खराब हो जाए, तो इंजन ओवरहीट हो सकता है और ऑयल-कूलेंट मिक्स हो सकते हैं।


2️   सिलेंडर हेड कवर गैसकेट (Cylinder Head Cover Gasket)

👉 पार्ट नंबर: 11189M75T10 (No. 1) और 11189M75T20 (No. 2)
🔹 ये गैसकेट सिलेंडर हेड के ऊपर कवर (Valve Cover) को सील करने के लिए होते हैं।
🔹 इनका मुख्य काम इंजन ऑयल को बाहर लीक होने से रोकना है।
🔹 जब इंजन चलता है, तो इसमें बहुत ज्यादा गर्मी और दबाव बनता है, जिससे ऑयल बाहर रिस सकता है।
🔹 सिलेंडर हेड कवर गैसकेट ऑयल लीक को रोकता है।


क्या सिलेंडर हेड गैसकेट और सिलेंडर हेड कवर गैसकेट का काम एक ही है?

नहीं, इनका काम अलग-अलग है।

✔️ सिलेंडर हेड गैसकेट 👉 इंजन ब्लॉक और सिलेंडर हेड के बीच सीलिंग करता है।
✔️ सिलेंडर हेड कवर गैसकेट 👉 सिलेंडर हेड के ऊपर वाले कवर (Valve Cover) को सील करता है।

📌 संक्षेप में:
👉 सिलेंडर हेड गैसकेटइंजन के अंदर ऑयल, कूलेंट और गैसों को अलग रखना।
👉 सिलेंडर हेड कवर गैसकेटइंजन के ऊपर ऑयल लीक होने से बचाना।

 

5.    13118M69T00 - GASKET, INTAKE MANIFOLD

o    यह इनटेक मैनिफोल्ड को इंजन से जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है और हवा के रिसाव को रोकता है।

6.    13421M69T00 - GASKET, THROTTLE BODY

o    यह थ्रॉटल बॉडी को सील करता है, जिससे हवा का सही प्रवाह इंजन में बना रहता है।

7.     18534M69T00 - GASKET, EGR

o    यह एग्जॉस्ट गैस रिसर्कुलेशन (EGR) सिस्टम में उपयोग होता है, जो इंजन के उत्सर्जन को नियंत्रित करता है।

8.    14140M75T00 - GASKET, COMP EXH MANIFOLD

o    यह एग्जॉस्ट मैनिफोल्ड गैसकेट है, जो एग्जॉस्ट सिस्टम को सील करता है ताकि निकास गैसों का सही तरीके से प्रवाह हो।

9.    11223M75T00 - GASKET, BREATHER PLATE

o    यह इंजन के ब्रीदर सिस्टम में उपयोग किया जाता है ताकि अतिरिक्त दबाव और तेल लीकेज को रोका जा सके।

10. 17759M82K00 - O RING

o    यह एक रबर सील है जो विभिन्न इंजन भागों में तरल और गैस के रिसाव को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाती है।

 

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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